रेलगाड़ियों को समय पर चलाए जाने को लेकर रेल मंत्रालय की ओर से बड़ा कदम उठाया गया है. दरअसल कुछ समय पहले रेलगाड़ियों की समय पर चलने की गलत जानकारी सिस्टम में डाले जाने के मामले सामने आए थे. इस पर कैग की रिपोर्ट में भी सवाल उठाया गया था. इसको ध्यान में रखते हुए रेलवे बोर्ड की ओर से रेलवे के मंडल स्तर पर गाड़ियों की समय पर चलने की जानकारी पर नजर रखने की जम्मेदारी दी गई है. वहीं रेलवे के विभिन्न मंडलों में मौजूद ADRM स्तर के अधिकारियों को इस पर नजर रखने की जिम्मेदारी दी गई है. रेलवे बोर्ड की ओर से निर्देश जारी किए गए हैं कि अधिकारी गाड़ियों के चलने के समय को ले कर अधिकारी व कर्मचारी सही जानकारी सिस्टम में फीड करें. वहीं वर्ष 2018 - 19 को गाड़ियों के चलते ही गलत जानकारी को ले कर zero year के तौर पर मनाने को कहा गया है.

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मंडल कार्यालय की होगी जिम्मेदारी

रेलवे बोर्ड के निर्देशों के अनुसार सभी मंडल कार्यालय गाड़ी के समय पर चलने या देरी से चलने के कारण तय करने के लिए और उसकी सही जानकारी सिस्टम में डालने के लिए जिम्मेदार होंगे. गौरतलब है कि अब तक यह जिम्मेदारी जोनल रेलवे की होती थी. निर्देशों के अनुसार यदि किन्हीं दो विभागों के बीच देरी के कारणों को ले कर कोई विवाद होता है तो मंडल में मौजूद ADRM स्तर के अधिकारी की जिम्मेदारी होगी की वो इस विवाद को सुलझा कर देरी का वस्तविक कारण निर्धारित करें.

 

दो दिन के अंदर सुलझेगा विवाद

किसी मंडल में गाड़ी के देरी से चलने को ले कर कोई विवाद होता है तो उस विवाद को उसी दिन सुलझाना होगा. यदि किन्हीं कारणों से विवाद उसी दिन नहीं सुलझ पाता है तो अगले दो दिनों के अंदर इस विवाद को सुलझाने की जिम्मेदारी ADRM की होगी. रेलवे बोर्ड ने CRIS को निर्देश दिए हैं कि वो सभी मंडल कार्यालय में मौजूद ADRM स्तर के अधिकारी की आईडी बनाए ताकि वो गाड़ियों को समय पर चलाने के लिए बनाए गए सॉफ्टवेयर ICMS पर नजर रख सकें.