प्रयागराज रेलवे डिवीजन ने पिछले डेढ़ महीने में गाजियाबाद और कानपुर के बीच विभिन्न स्थानों पर कई मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों में बिना टिकट यात्रा करने वाले 400 से अधिक पुलिसकर्मियों का जुर्माना किया है. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. विशेष अभियानों का संचालन कर रहे यातायात अधिकारियों ने पाया कि अधिकतर पुलिसकर्मी वातानुकूलित डिब्बों और पेंट्रीकार में बिना टिकट यात्रा कर रहे थे, जिससे यात्रियों को असुविधा हो रही थी. 

बिना टिकट यात्रा से हो रहा है वित्तीय नुकसान

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उत्तर मध्य रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी (पीआरओ) शशिकांत त्रिपाठी ने कहा कि भारतीय रेलवे नियमित रूप से अनधिकृत यात्रियों की जांच के लिए अभियान चलाता है. त्रिपाठी ने कहा, ‘बिना टिकट यात्रा करने वाले लोगों से न केवल यात्रियों को असुविधा होती है, बल्कि रेलवे को भी वित्तीय नुकसान होता है. इसलिए, हमने अनधिकृत यात्रा की जांच के लिए सख्त कदम उठाए हैं और हम अपने प्रयासों में काफी सफल रहे हैं.’ 

पुलिसकर्मी करते हैं अपने पद का दुरोपयोग, अधिकृत यात्रियों के लिए नहीं करते सीट खाली

भारतीय रेलवे टिकट निरीक्षण कर्मचारी संगठन (एनसीआर जोन) के सचिव संतोष कुमार ने कहा कि कई पुलिसकर्मी अपने पद का दुरुपयोग करते हैं, वातानुकूलित कोचों में घुस जाते हैं और खाली सीटों पर लेट जाते हैं. कुमार ने कहा,‘वे अधिकृत यात्रियों के लिए सीट खाली नहीं करते हैं और यहां तक ​​कि उन्हें और रेलवे अधिकारियों को भी धमकाते हैं.’ रेलवे के एक अधिकारी ने बताया कि इनमें से कई पुलिसकर्मियों ने यातायात अधिकारियों और टिकट निरीक्षकों को धमकी दी कि अगर उन पर जुर्माना लगाया गया तो उन्हें गंभीर परिणाम भुगतने होंगे. 

चेकिंग अभियान चलाने के दिए गए थे निर्देश

रेलवे के एक अन्य अधिकारी ने बताया, ‘हालांकि, उत्तर प्रदेश पुलिस विभाग के उच्च अधिकारियों ने चेतावनी भरे पत्र और परिपत्र जारी किए हैं, जिनमें पुलिसकर्मियों से बिना टिकट के ट्रेनों में यात्रा न करने को कहा गया है, लेकिन ऐसा लगता है कि इन पत्रों का उन पर कोई खास असर नहीं हुआ है.’ आपको बता दें कि  रेल मंत्रालय ने 20 सितंबर को 17 जोन के महाप्रबंधकों को लिखे पत्र में बिना टिकट और अनधिकृत यात्रियों के खिलाफ 'एक अक्टूबर से 15 अक्टूबर और 25 अक्टूबर से 10 नवंबर की अवधि' के बीच विशेष अभियान शुरू करने और 1989 के रेलवे अधिनियम के प्रावधानों के तहत उचित कार्रवाई करने को कहा था.