रेलवे के कर्मचारियों ने 7 वां वेतन आयोग के तहत अपनी मांगों को ले कर बड़े आंदोलन की तैयारी की है. रेल कर्मियों के संगठन ऑल इंडिया रेलवे मेन्स फेडरेशन ने 12 अक्टूबर को संसद मार्ग पर विशाल प्रदर्शन का आयोजन किया है. इसमें देश भर से रेलवे के कर्मचारी जुटेंगे. दरअसल इस प्रदर्शन के पीछे रेल कर्मचारियों का उद्देश्य रेल कर्मियों के संगठन की ताकत दिखाना है.

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

ये होंगी प्रमुख मांगे

रेल कर्मियों की ओर से प्रमुख रूप से मांग की जा रही है कि 7 वां वेतन आयोग लागू होने के बाद भी अब तक लोको व ट्रैफिक रनिंग कर्मचारियों के रनिंग अलाउंस व अन्य भत्तों का पुनर्निर्धारण में अनावश्यक देरी की जा रही है. इस पर तुरंत कार्रवाई की जानी चाहिए. वहीं रनिंग  कर्मचारियों व लोको पायलट को निर्धारित समय से अधिक  देरी तक गाड़ी चलाने के लिए दबाव बनाए जाने के विरोध में भी यह प्रदर्शन किया जा रहा है. इस प्रदर्शन में रेल कर्मियों की काम के दौरान सुरक्षा भी एक बड़ा मुद्दा है. रेल कर्मी कुल 12 मांगों को ले कर प्रदर्शन कर रहे हैं.

केंद्रीय गृहमंत्री से की मुलाकात

7 वें वेतन आयोग के तहत न्यूनतम वेतन को बढ़ाए जाने व पुरानी पेंशन बहाल किए जाने समेत कई अन्य मांगों को लेकर आँल इंडिया रेलवे मेन्स फैडरेशन के महामंत्री शिवगोपाल मिश्रा ने केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की थी. इस मौके पर उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री को बताया कि केंद्रीय कर्मियों की बातों पर ध्यान नहीं दिए जाने से रेल कर्मियों में बहुत नाराजगी है. महामंत्री ने उन्हें याद दिलाया कि जुलाई 16 में जब एनजेसीए ने प्रस्तावित हड़ताल स्थगित की थी, उस समय गृहमंत्री की अगुवाई में सरकार ने केंद्रीय कर्मियों से कई वायदे किए थे. लेकिन उनमें से कोई मांग पूरी नहीं हुई है. ऐसे में रेल कर्मचारियों को आर पार की लड़ाई के लिए मजबूर होना पड़ रहा है.