बदल गई रेलवे की ये सालों पुरानी परंपरा, कर्मचारियों को हाजिरी लगाने के लिए अब करना होगा ये काम
Railway Employee Attendance Biometric System: रेलवे बोर्ड ने रेलवे कर्मचारियों के हाजिरी सिस्टम में मौजूद खामियों को दूर करने के लिए बायोमेट्रिक सिस्टम लगाने को कहा है.
Railway Employee Attendance Biometric System: रेलवे बोर्ड ने ‘ओवरटाइम’ का दावा करने में होने वाली अनियमितताओं पर काबू पाने के लिए स्टेशन कर्मचारियों के लिए बायोमेट्रिक उपस्थिति मशीनें या चेहरे की पहचान करने वाली प्रणालियां लगाने के लिए 17 जोन के महाप्रबंधकों को लिखित निर्देश जारी किया है.
पुराने सिस्टम में थी खराबी
रेलवे बोर्ड के सतर्कता निदेशालय की एक सिफारिश का हवाला देते हुए, परिपत्र में कहा गया, "रेलवे बोर्ड के सतर्कता निदेशालय ने एक मामले में सीवीसी को एक संदर्भ भेजा था, जिसमें स्टेशन मास्टरों द्वारा ड्यूटी बदलने (स्वैपिंग) और स्टेशन कर्मचारियों द्वारा ओवरटाइम का दावा करने में अनियमितताएं शामिल थीं. इस संबंध में, सीवीसी ने व्यवस्था में कुछ सुधार शामिल करने का सुझाव दिया है."
ओवरटाइम अलाउंस से जुड़ सकता है सिस्टम
सीवीसी के सुझावों में से एक को उद्धृत करते हुए बोर्ड के परिपत्र में कहा गया, "स्टेशन मास्टर, स्टेशन पर्यवेक्षक और पॉइंट्स मैन सहित सभी स्टेशन कर्मचारियों के लिए बायोमेट्रिक उपस्थिति मशीनें या चेहरे की पहचान प्रणाली स्थापित की जा सकती है, और सिस्टम में जवाबदेही बढ़ाने के लिए इन डिजिटल उपस्थिति रिकॉर्ड को ओटीए (ओवरटाइम भत्ता) दावों पर विचार और स्वीकृति से जोड़ा जा सकता है."
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बोर्ड ने सभी संबंधित अधिकारियों से कहा है कि वे "भविष्य में इस प्रकार की चूक से बचने के लिए सीवीसी के उपरोक्त निर्देशों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करें."
स्टेशन मास्टरों ने जताया आश्चर्य
स्टेशन मास्टरों के एक वर्ग ने बोर्ड के निर्देश पर आश्चर्य व्यक्त किया और कहा कि यह रेलवे बोर्ड के लिए अनुपयोगी कवायद साबित हो सकता है.
एक स्टेशन पर्यवेक्षक ने कहा, "वर्तमान में देश भर में किसी भी स्टेशन पर स्टेशन कर्मचारियों के लिए बायोमेट्रिक उपस्थिति मशीन या चेहरे की पहचान प्रणाली नहीं है, क्योंकि वे अपने वरिष्ठों द्वारा तैयार और लागू किए गए भौतिक रोस्टर के आधार पर काम करते हैं."
बोर्ड के काम पर पड़ेगा असर
उन्होंने कहा, "ओवरटाइम दावों के मामले बहुत कम हैं और यदि कोई अनियमितता है, तो उसका निपटारा मामला-दर-मामला आधार पर किया जाना चाहिए. कई स्टेशन मास्टर आठ घंटे से ज्यादा काम करते हैं, लेकिन ओवरटाइम का दावा नहीं करते. बायोमेट्रिक अटेंडेंस के मामले में ओवरटाइम काम के घंटे रिकॉर्ड में दर्ज हो जाएंगे और रेलवे को इसके लिए भुगतान करना होगा, जो बोर्ड के लिए अनुपयोगी कवायद साबित हो सकता है."
01:45 PM IST