भारत ने एक तरफ जहां मुम्बई से अहमदाबाद के बीच बुलेट ट्रेन के प्रोजेक्ट को चलाने के लिए काम शुरू कर दिया है वहीं यह भी प्रयास किया जा रहा है कि आने वाले समय में बुलेट ट्रेन से जुड़ी तकनीकी जरूरतों को देश में ही पूरा किया जा सके. इससे जहां प्रोजेक्ट की लागत कम आएगी वहीं देश में बुलेट ट्रेन के जाल को जल्द बिछाने में भी मदद मिलेगी.

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

HRS इनोवेशन सेंटर का गठन किया गया

बुलेट ट्रेन परियोजना पर काम कर रहे नेशनल हाई स्पीड रेल कॉरीडॉर लिमिटेड (NHSRCL) के प्रबंध संचालक श्री अचल खरे ने बताया कि बुलेट परियोजना के अंतर्गत HRS इनोवेशन सेंटर का गठन किया गया है. इसकी मदद से बुलेट ट्रेन परियोजना की विदेश पर निर्भरता में कमी आएगी और देश को आर्थिक लाभ भी मिलेगा.

देश में विकसित की जाएगी हाई स्पीड तकनीक

HRS इनोवेशन के गठन का मुख्य उद्देश्य देश में मौजूद रिसर्च और तकनीकी टैलेंट का प्रयोग कर इंडीजिनस तकनीकों को विकसित करना और विदेशी तकनीकी पर निर्भरता कम करना है. देश में तकनीकी जरूरतों को विकसित करने से एक तरफ जहां विदेश पर निर्भरता में कमी आएगी वहीं नए नए कॉरीडॉर उचित लागत में बनाए जा सकेंगे. इससे देश में हाई स्पीड नेटवर्क को जल्द बिछाने में मदद मिलेगी.  

देश के कई तकनीकी संस्थान होंगे सदस्य

HRS इनोवेशन ट्रस्ट का एक बोर्ड है. इस बोर्उ में एक एक्जीक्यूटिव व एडवाइजरी काउंसिल में देश के पांच आईआईटी, जापान व टोकिया के तकनीकी शिक्षण संस्थान आदि सदस्य हैं. इन सदस्यों का काम प्रोजेक्टों को रिव्यू करना और बताना कि तकनीकी तौर पर और क्या किया जाना चाहिए होगा. NHSRCL के प्रबंध संचालक के अनुसार पूरा उद्देश्य देश के युवाओं के टैलेंड को इन शोध कार्यों को जोड़ कर देश में हाई स्पीड पर चल रहे शोध कार्यों को बढ़ाने और उसे और बेहतर बनाना है.