रेलवे की चेन्नई स्थित इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (ICF) दुनिया की सबसे बड़ी कोच निर्माता कंपनी बन चुकी है. रेलवे की इस कंपनी ने उत्पादन के मामले में चीन की कंपनियों को भी पछाड़ दिया है. इस कंपनी ने अप्रैल 2018 से फरवरी 2019 के बीच भारत की इस कंपनी ने कुल 2919 कोचों को निर्माण किया है. जबकि चीन में मौजूद दूनिया की सबसे बड़ी कोच निर्माता कंपनी साल में लगभग 2600 कोच का निर्माण करती है. अकेले फरवरी महीने में आईसीएफ ने कुल 301 कोच का निर्माण किया है.

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वंदे भारत एक्सप्रेस रही बड़ी उपलब्धि

आईसीएफ ने हाल ही में देश की पहली सेमी हाई स्पीड रेलगाड़ी वंदे भारत एक्सप्रेस का निर्माण किया है. यह रेलगाड़ी फिलहाल नई दिल्ली से वाराणसी के बीच चलाई जा रही है. इस रेलगाड़ी की चर्चा पूरी दुनिया में है. दरअसल ये ट्रने ICF ने मात्र 100 करोड़ रुपये में तैयार की है. जबकि बाहर से इस तरह की रेलगाड़ी आयात करने पर लगभग 200 से 300 करोड़ रुपये के बीच खर्च आता.

हाल ही में श्रीलंका को भी किया निर्यात

ICF ने हाल ही में पड़ोसी देश श्रीलांका को (DEMU) डीजल मल्टीपल यूनिट ट्रेन निर्यात की गई है. श्रीलांका और भारत के बीच एक इकोनॉमिक कोऑप्रेशन एग्रीमेंट साइन किया गया था. इसी के तहत श्रीलंका को ये ट्रेन निर्यात की गई है. श्रीलांका को निर्यात की गई इस ट्रेन में 13 डिब्बे में हैं. इसमें दो ड्राइवर पावर कार लगी हुई हैं. इस गाड़ी में इकोनॉमिक क्लास सिटिंग की व्यवस्था की गई है. इस रेलगाड़ी में दो एसी चेयरकार व दो बिजनेस क्लास के डिब्बे भी हैं.

 

ICF ने तैयार की एसी ईएमयू

ICF ने हाल ही में एएसी ईएमयू रेलगाड़ी तैयार है. यह रेलगाड़ी पश्चिम रेलवे में चलेगी. 12 कोच की इस गाड़ी में बहुत सी ऐसी तकनीकों का प्रयोग हुआ है तो Train 18 में प्रयोग की गई हैं. इस गाड़ी की स्पीड सामान्य EMU से 50 फीसदी अधिक होगी. यह पहली ईएमयू ट्रेन होगी जिसमें पंखों व लाइटों के लिए सौर ऊर्जा का प्रयोग होगा. इस ट्रेप की छत पर सोलर पैनल लगाए गए हैं. ये सोलर पैनल लगभग 3.6 केवी की ऊर्जा पैदा करेंगे.