देश की आधी आबादी के लिए रविवार बेहद खास दिन रहा है. 05 मई 1992 को भारतीय रेलवे के जोन पश्चिम रेलवे ने पहली बार महिलाओं के लिए विशेष लेडीज स्पेशल चलानी शुरू की थी. पहली लेडीज स्पेशल ट्रेन मुम्बई में विरार से चर्चगेट के बीच चलाई गई थी. वर्तमान समय में पश्चिम रेलवे रोज लगभग 10 मिहिला स्पेशल रेलगाड़ियों का परिचालन करता है इनमें रोज हजारों की संख्या में महिला यात्री यात्रा करती हैं.

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विशेष ट्रेनें चलाई जा रही हैं

वर्तमान समय में देश के कई महानगरों जैसे दिल्ली, मुम्बई व कोलकाता में महिलाओं के लिए विशेष ट्रेनें चलाई जा रही हैं. वहीं रक्षाबंधन व अन्य त्योहारों में महिलाओं के लिए विशेष तौर पर स्पेशल ट्रेनें भी चलाई जा रही हैं. बड़ी संख्या में महिला लोको पायलट भी ट्रेनों का परिचालन कर रही हैं.

महिलाओं की विशेष टीमें बनाई गईं

उत्तर रेलवे में महिला रेल सुरक्षा बल की कर्मचारियों के दल वाली दिल्ली में भैरवी और वीरांगना तथा फिरोजपुर में वैशाली जैसी टीमें बनाई गई हैं. ये विशेष टीमें आए दिन अभियान चल कर महिला डिब्बों व महिला विशेष रेलगाड़ियों में चलने वाले पुरुष यात्रियों पर कार्रवाई करती हैं. इन विशेष महिला सुरक्षा बलों की भूमिका महिलाओं के विरूद्ध होने वाले अपराधों को रोकने में काफी है.

उत्तर रेलवे में हैं कई महिला लोको पायलट

उत्तर रेलवे पर हजारों महिलाएं कार्यालयों में राजपत्रित अधिकारियों एवं कर्मचारियों के रूप में, अस्पतालों में डॉक्टरों, सर्जनों और अर्ध-चिकित्सा कर्मचारियों के रूप में, इंजीनियरों और जूनियर इंजीनियरों, बतौर स्टेशन मास्टर फ्रंट-लाइन कर्मचारियों के रूप में आरक्षण लिपिकों, चल टिकट परीक्षकों इत्यादि के रूप में कार्यरत हैं. अकेले दिल्ली मंडल पर अनेक महिला लोको पायलट हैं. इसके अलावा दक्ष तकनीशियन, सहायक महिला कारीगर और अंतर्राष्ट्रीय स्तर की महिला खिलाड़ी उत्तर रेलवे के कार्य-बल में मौजूद हैं.

महिला यात्रियों की सुरक्षा को उठाए कई कदम

रेलवे ने महिला यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए कई कदम उठाए हैं. रेलवे की ओर से पहले महिला डिब्बा ट्रेन के आखिर में लगाया जाता था लेकिन अब इसे बीच में लगाया जाता है. यह व्यवस्था उपनगरीय के साथ-साथ लंबी दूरी की रेलगाडि़यों में भी किया जा रहा है. यह कदम रेलवे के 2018 महिलाओं के लिए सुरक्षा वर्ष के तहत उठाया गया है. महिलाओं के लिए आरक्षित कोच में सीसीटीवी कैमरे भी लगे होंगे. इसके अलावा खिड़कियों को तार की जाली से ढका जाएगा.

समिति गठित की गई

रेलगाड़ी में सफर करने वाली महिलाओं की सुरक्षा पर नजर खने के लिए एक खास कमेटी बनाई गई है. सभी महिला डिब्बों को गुलाबी रंग का करने पर भी विचार हो रहा है. वहीं ट्रेनों में टीटीई या आरपीएफ दस्ते के साथ महिलाओं को रखने का फैसला लिया गया है. इसके अलावा समिति ने रेलवे स्टेशनों और रेलगाडि़यों में महिलाओं के लिए अलग से शौचालय आदि की व्यवस्था करने का फैसला लिया है।