प्रीमियम ट्रेनों में किराया कम करने के लिए रेलवे फ्लैक्सी फेयर में दे सकता है राहत
रेल यात्रियों को फ्लैक्सी फेयर से राहत मिल सकती है. फ्लेक्सी फ़ेयर स्कीम में राहत देने को लेकर रेल मंत्रालय गंभीरता से विचार कर रहा है.
रेल यात्रियों को फ्लैक्सी फेयर से राहत मिल सकती है. फ्लेक्सी फ़ेयर स्कीम में राहत देने को लेकर रेल मंत्रालय गंभीरता से विचार कर रहा है. प्रीमियम ट्रैन - राजधानी , शताब्दी और दुरंतो में लागू फ्लेक्सी फ़ेयर स्कीम में राहत देने जे मकसद से मंत्रालय किरायों में 50 फीसदी तक की छूट देने पर विचार कर रहा है. नए प्रस्ताव के मुताबिक करीब 100 प्रीमियम ट्रेनों में लास्ट मिनट टिकट बुकिंग या फिर यात्रा से 4 दिन पहले टिकट बुकिंग करने पर टिकट में 50 फीसदी तक का डिस्काउंट मिल सकता है.
यही नही ऐसी ट्रैन जिसमे ऑक्यूपेंसी दर यानी टोटल सीट बुकिंग अगर तकरीबन 40 फीसदी से कम है, उसमे भी किराया 20 फीसदी तक कम किया जा सकता है. यानी सीधे तौर पर किराये में 20 प्रतिशत तक कि कटौती हो सकती है.
तक तीर से दो निशाने साधने की कोशिश
दरअसल सरकार किरायों में कटौती काम कर एक तीर से दो निशाने साधने की कोशिश कर रही है. पहला ये की किराये कम कर जनता के दिलो को जीतने की कोशिश की जाए वहीं किरायों में कटौती कर खाली सीटों को भरने में भी मदद मिलेगी. प्रीमियम ट्रैन राजधानी, शताब्दी और दुरंतो में फ्लेक्सी फ़ेयर स्कीम लागू करने के बाद रेलवे की आमदनी में भले ही इजाफा हुआ हो लेकिन यात्री संख्या में कमी आयी है. यही नही इस स्कीम से रेलवे को जनता के ज़बरदस्त गुस्से और आलोचना को भी झेलना पड़ा है.
रेल यात्री इस स्कीम की आलोचना कर रहे थे
रेल मुसाफ़िर लगातार सरकार की इस योजना की आलोचना कर रहे थे कि ज़्यादा किराया देने के बावजूद भी न तो सुविधाओं में इजाफा हुआ और ना ही ट्रेन punctuality में सुधार रेल मंत्रालय ने 9 सितंबर 2016 को प्रीमियम ट्रैन जिसमे 44 राजधानी, 52 दुरंतो और 46 शताब्दी शामिल है, उनमे फ्लेक्सी फ़ेयर स्कीम की शुरुआत की थी. इस स्कीम के तहत हर 10% सीट की बुकिंग होने पर ट्रैन के बेस फ़ेयर में 10% का इजाफा हो जाता है.