Indian railway आज पटरी पर उतारेगा यह हाई स्पीड ट्रेन, जल्द कर सकेंगे यात्रा
रेलवे की ओर से सोमवार को चेन्नई स्थित इंटीग्रल कोच फैक्ट्री में एक भव्य समारोह के दौरान Train 18 के रेक को फैक्ट्री से ट्रायल के लिए निकाला जाएगा. इस मौके पर रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष अश्वनी लोहानी भी मौजूद होंगे.
रेलवे की ओर से सोमवार को चेन्नई स्थित इंटीग्रल कोच फैक्ट्री में एक भव्य समारोह के दौरान Train 18 के रेक को फैक्ट्री से ट्रायल के लिए निकाला जाएगा. इस मौके पर रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष अश्वनी लोहानी भी मौजूद होंगे. सबकुछ ठीक रहा तो रेल यात्री इस रेलगाड़ी में दिसम्बर में यात्रा भी कर सकेंगे. इस रेलगाड़ी को रेलवे के लिए एक बड़ी उपलब्धी के तौर पर देखा जा रहा है. माना जा रहा है कि यह गाड़ी देश में हाई स्पीड रेलगाड़ियों की शुरूआत के लिए मील का पत्थर साबित होगी. इस रेलगाड़ी का ट्रायल मुरादाबाद मंडल में किया जाना है. 15 नवम्बर से इस गाड़ी का ट्रायल शुरू हो सकता है.
160 किलोमीटर प्रति घंटा होगी गति
बुलेट ट्रेन जैसी दिखने वाली train 18 रेलगाड़ी एक सेमी हाई स्पीड ट्रेनें है. इस गाड़ी की अधिकतम गति 160 किलोमीटर प्रति घंटा तक रह सकती है. फिलहाल देश में गतिमान एक्सप्रेस सबसे तेज गति से चलने वाली ट्रेन है. यह गाड़ी दिल्ली से आगरा के बीच चलाई जाती है. इस रूट पर कुछ दूरी यह गाड़ी 160 किलोमीटर प्रति घंटा की गति से तय करती है.
ये हैं इस रेलगाड़ी की खूबियां
Train 18 ट्रेनें प्रीमीयम गाड़ियां मानी जाने वाली शताब्दी रेलगाड़ियों की जगह लेंगी. इस रेलगाड़ी को एयरोडायनेमिक ड्राइवर कैप डिजाइन के तहत तैयार किया गया है. इस रेलगाड़ी में कुल 16 कोच हैं. वैकल्पिक कोच में मोटराइज्ड इंजन की व्यवस्था की गई है ताकि पूरी ट्रेन एक साथ तेजी से चल सके और रुक सके. यह रेलगाड़ी एक ट्रेन सेट है. ऐसे में ये ट्रेन आगे व पीछे किसी भी दिशा में चल सकती है. इसमें दोनों तरफ इंजन है. सामान्य गाड़ियां एक ही दिशा में चलती हैं. इन गाड़ियों को दूसरी तरफ इंजन लगा कर मोड़ना पड़ता है जिसमें समय और पैसे दोनों खर्च होते हैं.
देश में आधी कीमत में हुई है तैयार
''Train-18'' को 100 करोड़ रुपये की कीमत से बनाया गया है. अगर ऐसी ट्रेन विदेशों से मंगाई जाती तो उसकी कीमत तकरीबन 200 करोड़ रुपये होती. ऐसे में इस ट्रेन को आयात करने की तुलना में मात्र आधी कीमत पर तैयार कर लिया गया है. इस रेलगाड़ी में लगने वाले 80 फीसदी पुर्जे भी मेक इन इंडिया के तहत देश में ही बनाए गए हैं. खास बात यह है कि इस रेलगाड़ी को 18 महीने की अवधि के दौरान सोचा गया और डिजाइन किया गया.