देशभर में 6,000 रेलवे स्टेशनों पर सीसीटीवी कैमरे लगाने का ठेका हासिल करने की दौड़ में आठ बड़ी कंपनियां शामिल हैं. स्टेशनों पर चेहरों की पहचान करने में सक्षम सीसीटीवी कैमरे लगाने का मकसद रेल परिसरों को सुरक्षित बनाना है. भारतीय रेल की दूरसंचार शाखा 'रेलटेल' ने 6,124 स्टेशनों पर 89,845 आईपी (इंटरनेट प्रोटोकॉल) आधारित वीडियो सर्विलांस सिस्टम (वीएसएस) की आपूर्ति, संस्थापन, परीक्षण, प्रवर्तन, परिचालन, रखरखाव के लिए इसी साल 22 अगस्त को निविदा जारी की थी. इन शक्तिशाली आईपी कैमरे में न सिर्फ स्टेशनों पर आवागमन रिकॉर्ड किया जाएगा, बल्कि इसमें चेहरे की पहचान करने वाला सॉफ्टवेयर भी होगा, जिससे गति का पता लगाने के साथ-साथ शीघ्र पुनरीक्षण और अतिक्रमण का भी पता लगाने की क्षमता होगी.

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कैमरों की रिकॉर्डिंग की जांच 24 घंटे होगी

इन कैमरों की रिकॉर्डिग की जांच चौबीसों घंटे रेलवे सुरक्षा बल और सरकारी रेलवे पुलिस के सुरक्षाकर्मी करेंगे. निविदा भरने की तारीख समाप्त होने के बाद 1,000 करोड़ रुपये की इस परियोजना के लिए मजबूत दावेदारों के तौर पर एचएफसीएल, एलएंडटी, बीईसीआईएल, बीईएल, महिंद्रा डिफेंस, टीसीआईएल, अरविन, प्रो और केईसी इंटरनेशनल के नाम उभरकर आए हैं.

सीसीटीवी के लिए कई कंपनियों ने भरी निविदा

रेलटेल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने के अनुसार, "निविदा भरने की तिथि 30 अक्टूबर को समाप्त हो चुकी है. हमें अच्छी प्रतिक्रया मिली है. आठ कंपनियों ने सीसीटीवी कैमरे लगाने के तहत सर्विलांस सिस्टम वाली परियोजना में हिस्सा लेने की दिलचस्पी दिखाई है." उन्होंने कहा, "हमारा लक्ष्य दिसंबर के अंत तक निविदादाता का चयन करना है ताकि उसके बाद ठेका प्रदान किया जा सके." नई दिल्ली समेत 50 प्रमुख स्टेशनों पर सर्विलांस सिस्टम वाले सीसीटीवी कैमरे पहले ही लगाए जा चुके हैं.