रायबरेली में हुए न्यू फरक्का रेल हादसे के बाद रेलवे ने रेल हादसों को रोकने के लिए एक और कदम उठाया है. दरअसल लम्बे समय से मांग की जा रही थी कि पटरियों पर पेट्रोलिंग करने वाले स्टाफ को यह सुविधा दी जाए कि जरूरत पड़ने पर वो वॉकी टॉकी के जरिए स्टेशन प्रबंधन और रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ ही रेलगाड़ी के ड्राइवर व गार्ड को भी चेतावनी दे सके. इसके लिए पेट्रोलमैनों को उस  फ्रिक्वेंसी पर वॉकी टॉकी से बात करने की अनुमति देने की मांग की जा रही थी जिस पर ड्राइवर व गार्ड बात करते हैं. रेल मंत्रालय ने इस मांग को मान लिया है. अब रेलवे के पेट्रोलमैन आपात स्थित में उस फ्रिक्वेंसी पर वॉकी टॉकी पर बात कर सकेंगे जिस पर रेलगाड़ी के गार्ड और ड्राइवर बात करते हैं.

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महाप्रबंधकों को लिखा गया पत्र

रेलवे बोर्ड के निदेशक दूरसंचार की ओर से इस संबंध में सभी रेलवे जोनों के महाप्रबंधकों को पत्र भेज कर यह कहा गया है कि आपात स्थित में पेट्रोलैन को उस फ्रिक्वेंसी पर वॉकी टॉकी पर बात करने की अनुमति दी जाए जिस पर गार्ड और ड्राइवर बात करते हैं. वर्तमान समय में रेलवे के गार्ड और ड्राइवर 161.50 मेगाहट्स फ्रिक्वेंसी पर बात करते हैं. वहीं रेलवे पेटरियों पर पेट्रोंलिंग करने वाले पेट्रोलमैन इंजीनियरिंग विभाग के तहत काम करते हैं जिन्हें 149.750 मेगाहट्स फ्रिक्वेंसी पर बात करने की अुनमति है.

न्यू फरक्का एक्सप्रेस हादसे में दो निलम्बित

न्यू फरक्का एक्सप्रेस हादसे के मामले में रेलवे ने को दो अधिकारियों को निलंबित कर दिया है. वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि जांच में कोई बाधा नहीं आए इसलिये सिग्नल इंस्पेक्टर और इलेक्ट्रिकल सिग्नल मेंटेनर को निलंबित किया गया है. रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘‘पहली नजर में दुर्घटना की वजह गलत सिग्नल देना है. रेलवे सुरक्षा आयोग के मुख्य आयुक्त की सिफारिश पर हमने दो लोगों को निलंबित कर दिया है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि किसी साक्ष्य से छेड़छाड़ ना हो.’’