पैसेंजर्स की सेफ्टी के लिए रेलवे का बड़ा कदम, फेस रिकग्निशन सिस्टम वाले 3 हजार कैमरों से होगी स्टेशनों की निगरानी
Indian Railways Passengers Safety: पैसेंजर्स की सेफ्टी के लिए सेंट्रल रेलवे ने 364 रेलवे स्टेशनों पर 6 हजार से अधिक CCTV कैमरा लगाने का फैसला किया है.
Indian Railways Passengers Safety: रेलवे स्टेशनों पर पैसेंजर्स की सेफ्टी के लिए रेलवे लगातार तैयारियां कर रहा है. इसके लिए देश के अलग-अलग स्टेशनों पर फेस रिकग्निशन वाले कैमरे लग रहे हैं. इन कैमरों का फायदा ये होगा कि अगर कोई भी वांछित अपराधी, जिसका पहले से क्रिमिनल रिकॉर्ड है या जिसकी तलाश में पुलिस है, इन कैमरों की सहायता से आसानी से पकड़ा जाएगा. इसी कड़ी में सेंट्रल रेलवे ने एक प्रेस रिलीज में बताया कि Central Railway के 364 रेलवे स्टेशनों पर 3652 फेस रिकग्निशन वाले कैमरों सहित 6122 क्लोज्ड सर्किट टीवी (CCTV) कैमरों से नजर रखी जाएगी. रेलवे बोर्ड ने इसके लिए रेलटेल (RailTel) के साथ एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर साइन किया है.
अपराधियों पर रहेगी पैनी नजर
रिलीज में कहा गया है कि मुंबई सबअर्बन नेटवर्क के सभी स्टेशनों सहित सेंट्रल रेलवे स्टेशनों को जल्द ही फेस रिकग्निशन यानि चेहरे की पहचान करने वाले कैमरों से लैस किया जाएगा. इस तकनीक से भीड़भाड़ वाले इलाकों में वांछित अपराधियों को पकड़ने में काफी मदद मिलेगी. हालांकि छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस, दादर, कुर्ला, ठाणे, लोकमान्य तिलक टर्मिनस और कल्याण जैसे कुछ स्टेशनों को कवर नहीं किया जाएगा क्योंकि इन स्टेशनों पर पहले से ही इंटीग्रेटेड सिक्योरिटी सिस्टम (ISS) है.
सेंट्रल रेलवे ने बताया कि फेस रिकग्निशन सिस्टम, वीडियो एनालिटिक्स, वीडियो मैनेजमेंट सिस्टम वाले कैमरों के साथ पैसेंजर्स की सिक्योरिटी को बढ़ाया जाएगा. इसके साथ ही इनकी सहायता से कानून का दुरुपयोग करने वाले और वांछित अपराधियों को भी पकड़ने में मदद मिलेगी. ये कैमरे व्यापक निगरानी की तरफ एक महत्वपूर्ण कदम हैं.
कैसे काम करता है सिस्टम
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रेलवे ने बताया कि ये कैमरे हर उस व्यक्ति को पहचान सकते हैं जिसका चेहरा पहले से डेटाबेस में रिकॉर्ड किया गया है. जैसे ही वे किसी स्टेशन में प्रवेश करते हैं, तो प्रशासन को ज्ञात अपराधियों की उपस्थिति के बारे में तुरंत सचेत कर देते हैं, वे चेहरे के विभिन्न हिस्सों, जैसे रेटिना या माथे की पहचान कर सकते हैं.
30 दिन तक डेटा रहेगा स्टोर
प्रत्येक HD कैमरा लगभग 750 जीबी डेटा की खपत करता है, जबकि 4K कैमरे प्रति माह 3TB डेटा की खपत करते हैं. वीडियो फुटेज को घटना के बाद के विश्लेषण, प्लेबैक और जांच उद्देश्यों के लिए 30 दिनों तक स्टोर किया जाएगा, हालांकि महत्वपूर्ण वीडियो को लंबी अवधि के लिए स्टोर किया जा सकता है.
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04:56 PM IST