भारतीय रेलवे (Indian Railways) ट्रेन-18 (Train-18) श्रेणी की गाड़ी वंदे भारत एक्सप्रेस को सफलता के साथ चलाने के बाद अब ट्रेन-20 (Train-20) पर तेजी से काम कर रही है. ये दोनों ही ट्रेन भारत की सबसे तेज चलने वाली रेलगाड़ियों में हैं और इनका निर्माण पूरी तरह भारत में किया जा रहा है. ट्रेन-18 और ट्रेन-20 धीमे-धीमे राजधानी एक्सप्रेस और शताब्दी एक्सप्रेस गाड़ियों की जगह लेंगे. ट्रेन-18 के बारे में आप काफी कुछ जानते हैं, आइए अब ट्रेन-20 की खूबियों को जानें.

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ट्रेन-20 की खासियत

ट्रेन-20 को पूरी तरह भारत सरकार के मेक-इन-इंडिया प्रोजेक्ट के तहत बनाया जा रहा है. ये एक सेमी हाईस्पीड ट्रेन है, जिसकी रफ्तार 200  किलोमीटर प्रति घंटा तक हो सकती है. इस ट्रेन में ट्रेन-18 की सभी खूबियां होंगी. इसमें अधिक चौड़े स्लाइडिंग दरवाजे होंगे और बाथरूम में पानी भी सेंसर से आएगा. ट्रेन-18 को जहां कम दूरी की यात्रा के लिए डिजाइन किया गया है, वहीं ट्रेन-20 का डिजाइन लंबी दूरी की यात्रा के लिए है. 

ट्रेन-20 में आम रेलगाड़ियों की तरह स्लीपर कोच होंगे. इसमें एसी फस्ट क्लास, सेकेंड क्लास और थर्ड क्लास होगा, जबकि ट्रेन-18 में सिर्फ एसी चेयरकार और एक्जिक्यूटिव चेयरकार हैं. इस ट्रेन की 2020 में होने की उम्मीद है और इसीलिए इसे ट्रेन-20 नाम दिया गया है. इसका निर्माण चेन्नई स्थित रेल कोच फैक्ट्री में किया जाएगा. पहली बार ट्रेन-20 के कोच एल्युमिनियम के बने होंगे. अभी तक भारतीय रेलवे कोच बनाने के लिए स्टील का इस्तेमाल करता है.