ट्रेनों में सफर कर रहे मुसाफिरों और स्टेशन पर मौजूद यात्रियों को साफ पीने का पानी देने के लिए रेलवे देश भर में बड़े पैमाने पर रेल नीर की सप्लाई को बढ़ा रहा है. मांग को देखते हुए रेलवे जल्द ही देश के अलग - अलग हिस्सों में 06 नए रेल नीर प्लांट लगाने की योजना पर काम कर रहा है.

मांग की तुलना में कम है उत्पादन
रेलवे के पानी के ब्रांड रेल नीर को रेलवे का उपक्रम IRCTC तैयार करता है. रेल यात्रियों की ओर से साफ पानी की जितनी मांग है उसका मात्र 50 फीसदी ही रेल नीर के तौर पर यात्रियों तक पहुंच पानी है. जिन इलाकों में रेल नीर की कमी होती है वहां कुछ अन्य निजी कंपनियों के ब्रांड को भी रेलवे स्टशनों पर ट्रेनों में बेचने की अनुमति देती है.

 

आठ बार साफ होता है पानी
रेल नीर को बेहद आधुनिक प्लांटों को बनाया जाता है. इन प्लांटों में पानी को 08 प्रक्रियाओं के जरिए साफ किया जाता है. पानी की गुणवत्ता के साथ ही उसकी शुद्धता का भी खयाल रखा जाता है.
 
रोज होता है इतना उत्पादन
मौजूदा समय में IRCTC रोज अपने 10 प्लांटों से लगभग 11 लाख लीटर रेल नीर बना रहा है. ये मांग के हिसाब से लगभग आधा है. रेल यात्रियों की ओर से रेल नीर की रोज की मांग लगभग लगभग 19 लाख लीटर है. IRCTC अगले साल के अंत तक लगभग 06 और प्लांट शुरू कर देगा जिससे लगभग रेल नीर की कमी को पूरा किया जा सकेगा.
 
एक साल में बेचा 22 लाख लीटर पानी
रेलनीर की मांग इसलिए अधिक है क्योंकि ये बाजार में मौजूद अन्य ब्रांडों की तुलना में काफी सस्ता है. साथ ही रेल नीर की गुणवत्ता अन्य ब्रांडों की तुलना में कहीं बेहतर है. IRCTC ने पिछले साल 22 करोड़ लीटर पानी बेचा था.