कहीं अपने आप न चल दे रेल का इंजन, इसके लिए रेल मंत्रालय ने उठाए ये कदम
लवे ने देश भर में कई जगहों पर ट्रेनों व इंजनों के विभिन्न जगहों पर बिना ड्राइवर के चलने की घटनाओं को काफी गंभरता से लिया है. ऐसे हादसों पर लगाम लगाने के लिए रेलवे ने सभी जोनल रेलवे को ट्रेनों व इंजनों को खड़ा करते समय विशेष सावधानी बरतने के निर्देश जारी किए हैं.
रेलवे ने देश भर में कई जगहों पर ट्रेनों व इंजनों के विभिन्न जगहों पर बिना ड्राइवर के चलने की घटनाओं को काफी गंभरता से लिया है. ऐसे हादसों पर लगाम लगाने के लिए रेलवे ने सभी जोनल रेलवे को ट्रेनों व इंजनों को खड़ा करते समय विशेष सावधानी बरतने के निर्देश जारी किए हैं. इन निर्देशों के तहत इंजन या ट्रेन को खड़ा करने पर विशेष सावधानी बरतने की बात कही गई है.
इंजन को खड़ा करने पर बरतनी होगी सावधानी
नए निर्देशों के तहत किसी भी इंजन या ट्रेन को खड़ा करते समय उसे स्टेशन पर या किसी सेक्शन पर स्टेबल करना होगा. इसके लिए इंजन और डब्बों के आगे व पीछे के पहियों के नीचे लकड़ी के गुटके लगाने होंगे. साथ ही अगले व पिछले पहियों को चेन से बांधना अनिवार्य होगा. रेलवे की ओर से जारी निर्देशों के तहत किसी माल गाड़ी के खड़ा होने पर हर छठे डिब्बे में हैंड ब्रेक लगा होना अनिवार्य है. साथ ही गार्ड को भी अपने एसएलआर में हैंड ब्रेक लगाने होंगे.
स्टेशन मास्टर को देनी होगी जानकारी
किसी ट्रेन, लोको या मालगाड़ी को स्टेबल किए जाने के बाद इसकी जानकारी स्टेशन मास्टर को दिया जाना अनिवार्य कर दिया गया है. साथ ही इसकी जानकारी सेक्शन कंट्रोलर को भी दी जाएगी ताकि वह उस ट्रैक पर किसी अन्य गाड़ी को आने का रास्ता न दे. ट्रेन से हैंडब्रेक तब तक नहीं हटाए जाएंगे जब तक गाड़ी पूरी तरह से चलने के लिए तैयार हो.
इंजन को छोड़ कर नहीं जा सकता पायलट
किसी भी इंजन के पायलट की जिम्मेदारी होगी कि वह इंजन को छोड़ कर कहीं भी न जाए. साथ ही यदि उसे कहीं जाना है तो इसके लिए पहले उसे यार्ड मास्टर या स्टेशन मास्टर से लिखित स्वीकृति लेनी अनिवार्य होगी. स्टेशन या यार्ड को छोड़ने के पहले लोको पायलट और गार्ड के स्टेशन छोड़ने की जानकारी स्टेशन मास्टर पर लिखित तौर पर होनी अनिवार्य है.