7वां वेतन आयोग : दिसम्बर से रुक सकते हैं रेल के पहिए, रेल कर्मियों ने की ये घोषणा
7वां वेतन आयोग की सिफारिशों के तहत रनिंग एलाउंस समेत कई अन्य महत्वपूर्ण मांगों को लेकर ऑल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन के महामंत्री शिवगोपाल मिश्रा ने कहा कि मांग पूरी नहीं हुई तो अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाएंगे रेल कर्मचारी.
7वां वेतन आयोग की सिफारिशों के तहत रनिंग एलाउंस समेत कई अन्य महत्वपूर्ण मांगों को लेकर ऑल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन के महामंत्री शिवगोपाल मिश्रा ने कहा कि दिसंबर में देश भर से लाखों रेलकर्मचारी दिल्ली में जुटेंगे, तब तक हमारी मांग पूरी न हुई तो उसी मंच से अनिश्चितकालीन हड़ताल का ऐलान कर दिया जाएगा. इस मौके पर सेंट्रल रेलवे जोनल महामंत्री कामरेड वेणू पी नायर ने कहा कि जब तक हम अपनी ताकत का एहसास सरकार को नहीं कराएंगे, ये हमारी बातों को लेकर गंभीर नहीं होंगे. उन्होंने कहा कि रनिंग एलाउंस सरकार, मंत्री या अफसरों की कृपा पर निर्भर नहीं है, ये रेल के लोको पायलट और गार्ड का हक है. तय समय पर इसका रेट निर्धारित कर स्वयं ही भुगतान कर दिया जाना चाहिए. लेकिन जो हालात हैं, उससे तो लगता है कि कि रेल मंत्रालय अब रनिंग स्टाफ से टकराव के मूड में है. यही वजह है कि एआईआरएफ के साथ बातचीत में रेट वगैरह तय हो जाने और फुल बोर्ड की मंजूरी के बाद अब यह फाइल लगभग तीन महीने से रेलमंत्री की आलमारी मे बंद है.
रेलवे के ड्राइवरों को तय समय से अधिक काम करना पड़ता है
एआईआरएफ महामंत्री शिवगोपाल मिश्रा ने कहा कि आज हमारा रनिंग कर्मचारी किस माहौल में काम कर रहा है, ये किसी से छिपा नहीं है. कई ऐसे उदाहरण है कि हमारे लोको पायलट को शादी के लिए भी पर्याप्त छुट्टी नहीं मिली और शादी कर दूसरे दिन वो ट्रेन दौड़ाने को मजबूर हुआ है. काम के घंटे तय होने के बाद भी 12 से 18 घंटे तक पायलट ट्रेन पर है, उन्हें बिल्कुल आराम नहीं मिल रहा है. महामंत्री ने कहा कि आज कोई दुर्घटना होने पर सबसे पहले लोको पायलट की गर्दन पकड़ी जाती है और उसी पायलट को 18 घंटे तक ड्यूटी करने को मजबूर भी किया जाता है. महामंत्री ने साफ कर दिया है कि अब वो समय आ गया है कि रेस्ट टाइम पूरा हुए बगैर ट्रेन पर जाने से साफ इनकार कर दें. ट्रेन देश की धड़कन है और धड़कन को कोई थमने नहीं देना चाहेगा, लेकिन ये सरकार हमें मजबूर कर रही है कि हम खुद ट्रेन का संचालन ठप कर दें.
युवा लड़ेंगे हक की लड़ाई
महामंत्री ने फिर याद दिलाया कि आज रेल में 80 फीसदी युवा है और ये लड़ाई युवाओं की है. उन्होंने कहा कि रनिंग एलाउंस तो हम लड़कर हासिल कर ही लेंगे, लेकिन बड़ा सवाल रेल को बचाने का है. सरकार की पूरी कोशिश है कि वो रेल को निजी हांथों में सौंप दे, लेकिन हमने साफ कर दिया है कि अगर ऐसा कुछ भी हुआ तो रेलकर्मचारी बिना नोटिस हड़ताल पर चले जाएँगे. वैसे भी पुरानी पेंशन को बहाल करने की मांग को लेकर दिसंबर में संसद घेरने के लिए केंद्रीय और राज्यकर्मचारी दिल्ली में जमा हो रहे हैं. तब तक भी हमारी मांगे पूरी नहीं हुई तो उसी मंच से अनिश्चितकालीन हड़ताल का ऐलान कर दिया जाएगा और रेल का चक्का जाम भी होगा.