इंडियन रेलवे में सबसे बड़ी छटंनी को लेकर मंत्रालय ने सफाई जारी की है. मंत्रालय का कहना है कि रेलवे में 3 लाख लोगों की छंटनी की खबरें पूरी तरह से गलत हैं. कर्मचारियों की परफॉर्मेंस का रिव्यू करना हर साल की सामान्य प्रक्रिया है. इसका छंटनी से कोई संबंध नहीं है. रेलवे ने मीडिया में चल रही खबरों का खंडन करते हुए कहा कि जोनल अधिकारियों को जो लेटर लिखे गए हैं उसमें कहीं छंटनी का जिक्र नहीं है. सिर्फ परफॉर्मेंस रिव्यू करने की बात कही गई है. 

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इससे पहले मीडिया में इस तरह की खबरें चल रही थीं कि भारतीय रेलवे 3 लाख लोगों को नौकरी से निकालने की तैयारी कर रहा है. इस प्रोसेस में 55 साल से ज्यादा की उम्र के कर्मचारियों की परफॉर्मेंस रिव्यू किया जाएगा. अगर कोई इस पर खरा नहीं उतरता है तो उसे जबरन रिटायरमेंट दिया जाएगा. रेलवे ने अपनी सफाई जारी करते हुए कहा कि इंडियन रेलवे ने 2014 से 2019 के बीच करीब 1 लाख 84 से ज्यादा नौकरियां दी हैं. इसके अलावा 2 लाख 83 हजार 637 पदों के लिए रिक्रूटमेंट जारी है. इनमें से 1 लाख 41 हजार 060 पदों के लिए टेस्ट लिया जा चुका है. अगले दो महीने में प्रक्रिया पूरी हो जाएगी. 

बता दें, रेल मंत्रालय ने रेलवे जोन प्रमुखों को चिट्ठी लिखकर 55 साल से ज्यादा की उम्र के कर्मचारियों का परफॉर्मेंस रिव्यू करने को कहा था. सभी जोनल मैनेजर को कर्मचारियों की लिस्ट तैयार करनी है. रेलवे का कहना है कि हर साल की तरफ इस साल भी यह प्रैक्टिस की जा रही है. इस तरह हर साल रेलवे अपने कर्मचारियों को रिव्यू करता है. 

9 अगस्त तक भेजना है जवाब

रेलवे बोर्ड ने सभी जोन प्रमुखों को यह चिट्ठी 27 जुलाई को लिखी है. सभी जोनल प्रमुख से लिस्ट तैयार करके 9 अगस्त तक जवाब देने को कहा है. परफॉर्मेंस रिव्यू के तहत सभी जोन से कर्मचारियों के फिजिकल फिटनेस, मेन्टल फिटनेस के साथ-साथ रोजाना हाज़िरी (अटेंडेंस ) और अनुशासन (डिसिप्लिन) को लेकर रिपोर्ट तैयार करने का भी आदेश दिया गया है.

क्या कहते हैं रेलवे अधिकारी

रेलवे ने इस मामले में सफाई भी दी है. रेलवे के एक अधिकारी का कहना है कि रेलवे में इस तरह का रिव्यू समय-समय पर किया जाता है. किसी भी कर्मचारी के खराब परफॉर्मेंस के चलते उसे समय से पहले रिटायर करने का भी प्रावधान है.