Indian Railways: ट्रेन एक्सीडेंट (Train Accident) को रोकने के लिए भारतीय रेलवे (Indian Railways) बड़ी पहल करने जा रहा है. लगातार बढ़ रहे रेल हादसों और मानवीय चूक से बड़ी जान-माल की हानि को रोकने के लिए रेलवे लाइन और लोकोमोटिव को 'कवच' (Kavach) युक्त करने का काम तेज करेगा. ट्रेन हादसे को रोकने के लिए बना यह सिस्टम बना है. कवच सिस्टम की करवेज बनाने के लिए रेलवे जल्द 2 नए टेंडर जारी करेगा. BEL, HBL Power, Kernex, Medha Servo जैसी कंपनियों के लिए यह अच्छी खबर है. 

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सूत्रों के मुताबिक, स्टेशन रिडेवलपमेंट के दौरान कवच के लिए जरूरी व्यवस्था और डाटा सेंटर को लेकर पहले ही प्रावधान रखा गया है. कवच की कवरेज बढ़ाने के रेलवे 2 नए टेंडर जारी करेगा. इस पर करीब 11000 करोड़ रुपये का अनुमानित खर्च है. 10 हजार किलोमीटर की रेल लाइन को कवच युक्त करने का प्लान है. 6000km के लिए DPR पूरी कर ली गई है. 4000km का डीपीआर जल्द तैयार होगा. फिलहाल 3000 km पर कवच कवरेज जारी है. 1465 रूट्स और 140 लोकोमोटिव पर कवच सुरक्षा है. 

कवच सिस्टम की कवरेज बढ़ने से जिन कंपनियों को फायदा होगा. उनमें BEL, HBL Power, Kernex, Medha Servo शामिल हैं. ये कंपनियां रेलवे से अप्रूव्ड वेंडर की लिस्ट में भी हैं. 

क्या है Kavach  

'कवच' चलती ट्रेनों की सुरक्षा बढ़ाने के लिए एक स्वचालित ट्रेन सुरक्षा प्रणाली है. इसे तीन भारतीय कंपनियों के सहयोग से अनुसंधान डिजाइन और मानक संगठन (RDSO) ने स्वदेशी रूप से विकसित किया है. 'कवच' न सिर्फ ट्रेन के चालक को खतरे में सिग्नल पास करने और तेज गति से गाड़ी चलाने से बचाव में मदद करता है बल्कि इससे खराब मौसम के दौरान ट्रेन चलाने में भी मदद मिलती है. इस तरह ट्रेन परिचालन की सुरक्षा और दक्षता बढ़ती है.

कवच ट्रेन के लोको पायलट को ऑटोमैटिक ब्रेक लगाने में मदद करता है. दरअसल, लोको पायलट के अंदर कवच सिस्टम सिर्फ एक कंपोनेंट हैं. इसके बाद स्टेशन पर सिस्टम लगाना होता है और ट्रैक पर सिग्नल टावर और ऑप्टिकल फाइबर केबल में सिग्नल ट्रांसमिटिंग सिस्टम भी आता है.