ट्रेन में सफर से पहले जरूर जानिए आपके मतलब के ये 6 नियम, TTE भी नहीं करेगा परेशान
ट्रेन में सफर करने के दौरान अक्सर ऐसा होता है कि मुसाफिरों में जानकारी के अभाव के कारण उन्हें पेरशानी उठानी पड़ती है. लेकिन, अगर पहले से मुसाफिरों को नियमों की जानकारी हो तो कोई भी उन्हें परेशान नहीं कर सकता.
ट्रेन में सफर करने के दौरान अक्सर ऐसा होता है कि मुसाफिरों में जानकारी के अभाव के कारण उन्हें पेरशानी उठानी पड़ती है. लेकिन, अगर पहले से मुसाफिरों को नियमों की जानकारी हो तो कोई भी उन्हें परेशान नहीं कर सकता. खासकर टिकट चेकिंग और बुकिंग के नियमों को लेकर होने वाली दिक्कतों से छुटकारा मिल सकता है. आपको जानकर हैरानी होगी कि रेलवे प्लेटफॉर्म या ट्रेन में टिकट चेक करने का अधिकार सिर्फ टीटीई को होता है. लेकिन, रेलवे स्टेशन पर कई बार RPF और GRP के जवान भी यात्रियों का टिकट चेक करते हैं. यह नियमों के खिलाफ है. इसलिए जरूरी है कि ट्रेन में सफर करने से पहले आप कुछ नियमों को जान लें.
1. ट्रेन के भीतर या बाहर टिकट चेक करने का अधिकार केवल TTE और सचल दस्ता को ही है. अगर RPF, GRP जवान या फिर दूसरे स्टॉफ ऐसा करते हैं तो यह नियमों की अनदेखी है.
2. हालांकि, सर्च ऑपरेशन के दौरान TTE या सचल दस्ता के अधिकारी RPF और GRP जवानों की मदद ले सकते हैं. अन्यथा उन्हें टिकट चेक करने का अधिकार नहीं है.
3. अगर कंफर्म टिकट का पैसेंजर बोर्डिंग स्टेशन पर नहीं आता है तो टीटीई तुरंत उस सीट को दूसरे सवारी को अलॉट नहीं कर सकता है. उसे कम से कम दो स्टेशन का और एक घंटे तक पैसेंजर के आने का इंतजार करना होगा. कई बार पैसेंजर्स बोर्डिंग स्टेशन से आगे ट्रेन पकड़ते हैं.
4. जिस पैसेंजर का मिडिल बर्थ कंफर्म हुआ है वह नियम के मुताबिक, रात के 10 बजे से सुबह 6 बजे तक ही सो सकता है. उससे पहले या उसके बाद उसे सीट गिरानी होगी और लोअर बर्थ पर बैठकर यात्रा करनी होगी.
5. अगर आपकी टिकट खो गई है तो यात्रा करने से 24 घंटे पहले बोर्डिंग स्टेशन के चीफ रिजर्वेशन सुपरवाइजर के पास जाकर डुप्लीकेट टिकट का आग्रह कर सकते हैं. आपको डुप्लीकेट टिकट जारी कर दिया जाएगा.
6. TTE रात के 10 बजे के बाद आपको डिस्टर्ब नहीं कर सकता है. टिकट चेक करने का वक्त सुबह 6 बजे से रात के 10 बजे तक है.