रेलवे के (NER) उत्तर पूर्व रेलवे में 30 सितम्बर के बाद से हादसों की संख्या में काफी कमी आने की संभावना है. रेलवे के इस जोन में 30 सतम्बर तक मानव रहित रेलवे क्रासिंग खत्म कर लिए जाएंगे. इस जोन के इज्जत नगर मंडल को मानव रहित क्रासिंग मुक्त घोषित कर दिया गया है. वहीं लखनऊ मंडल में 70 और वाराणसी मंडल में लगभग 100 रेलवे क्रासिंग बाकी हैं जिन्हें 30 सितम्बर तक खत्म करने का लक्ष्य रखा गया है.

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क्रासिंगों को खत्म करने के लिए दो मोर्चों पर हो रहा काम

एनईआर रेलवे क्रासिंगों को खत्म करने के लिए दो मोर्चों पर काम कर रहा है. सबसे पहला प्रयास किया जा रहा है कि जहां पर क्रासिंग है वहां पर अंडर पास बना कर लोगों को आने - जाने का रास्ता उपलब्ध करा दिया जाए और क्रासिंग को खत्म कर दिया जाए. जहां जमीन उपलब्ध न होने या किसी और कारण से अंडर पास नहीं बनाया जा सकता है वहां पर गेट मित्रों की तैनाती की जा रही है. गेट मित्र प्रशिक्षित कर्मी हैं जो लोगों को क्रासिंग पार करते समय सावधानी बरतने के बारे में भी जागरूक करते हैं. उत्तर पूर्व रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी संजय यादव ने बताया कि उत्तर पूर्व रेलवे में होने वाले कुल हादसों में क्रासिंगों पर होने वाले हादसे सबसे अधिक हैं. कुशीनगर में हुए हादसे के बाद उत्तर पूर्व रेलवे की ओर से सभी क्रासिंगों को जल्द से जल्द खत्म करने का निर्णय लिया गया था. हम 30 सितम्बर तक एनईआर जोन से सभी मानव रहित क्रासिंगों को खत्म करनें के लक्ष्य पर काम कर रहे हैं.

कुशीनगर में ट्रेन की चपेट में आ गई थी स्‍कूल वैन

कुशीनगर में 26 अप्रैल को मानवरहित रेलवे क्रॉसिंग पर एक स्कूल वैन के पैसेंजर रेलगाड़ी से टकराने के बाद रेलमंत्री ने 12 सितंबर तक सभी मानवरहित रेलवे क्रॉसिंगों को मानवयुक्त बनाने की घोषणा की थी, लेकिन बाद में रेलवे के अधिकारियों द्वारा समस्याएं बताने पर उन्होंने इसकी समय सीमा बढ़ाकर 30 सितंबर तक कर दी थी. रेलवे के अधिकारियों ने बताया कि 30 सितंबर तक ज्यादातर मानवरहित रेलवे फाटकों पर इलेक्ट्रिक बैरियर या स्लाइडिंग बैरियर लगाकर वहां गेटमैन को तैनात करने की कोशिश चल रही है.

300 से अधिक पूर्व सैनिकों की भर्ती हुई

उत्तर रेलवे ने रेलवे फाटकों को मानवुयक्त बनाने के लिए 300 से अधिक पूर्व सैनिकों की नियुक्ति कर ली है. गेटमैन बनने वाले सैन्यकर्मी मालगाड़ियों के आने-जाने के दौरान जरूरत के मुताबिक, फाटकों को बंद करेंगे और खोलेंगे. उत्तर रेलवे के वरिष्ठ समन्वय अधिकारी सुधीर सिंह के मुताबिक, गेटमैनों की समस्याओं को देखते हुए 'प्री फैब्रिकेटेड गेट हट' मंगाए गए हैं. इन गेट हट्स में पंखे और स्वच्छ हवा के लिए खिड़कियों भी होंगी. इसके अलावा इनमें शौचालय की सुविधा भी होगी.