रेल मंत्रालय ने IRCTC को दो तेजस एक्सप्रेस ट्रेनें चलाने की जिम्मेदारी दी है. दो में से एक तेजस ट्रेन जहां नई दिल्ली से लखनऊ जंग्शन के बीच चलेगी वहीं दूसरी अहमदाबाद से मुंबई सेंट्रल के बीच चलेगी. रेलवे से हुए समझौते के तहत IRCTC को दी गई तेजस ट्रेनें कुल 18 कोच की होंगी. लेकिन अगर यात्री कम रहते है तो IRCTC इस ट्रेन को कम से कम 12 कोच के साथ चलाएगा. यह व्यवस्था एक साल तक के लिए की गई है.

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हॉलेज कांसेप्ट पर चलेंगी ट्रेनें

IRCTC को जो तेजस ट्रेनें चलाने को मिली हैं उनके लिए रेलवे IRCTC से हॉलेज चार्ज लेगा. ये चार्ज हर ट्रिप के आधार पर लिया जाएगा. यह किराया इस बात पर तय होगा कि IRCTC तेजस एक्सप्रेस ट्रेन में कुल कितने कोच चला रहा है. हॉलेज चार्ज ट्रेन में न्यूनतम 12 कोच या इससे अधिक कुल जितने कोच लगाए गए हैं इसके आधार पर कैल्कुलेट किया जाएगा. ऐसे में यदि यात्रियों की संख्या कम होगी तो IRCTC की मुश्किल बढ़ेगी.

क्या है हॉलेज कांसेप्ट

दरअसल एक ट्रेन या एक डिब्बे को एक स्टेशन से दूसरे स्टेशन तक पहुंचाने में रेलवे का एक खर्च आता है. इस खर्च को ही हॉलेज कहते हैं. रेलवे हॉलेज चार्ज के तहत जिसे भी ट्रेन देगी उससे गाड़ी को रेलवे के नेटवर्क पर चलने में आने वाले खर्च और उस पर कुछ मुनाफा लेगी. बाकी ट्रेन के चलने में फायदा हो या नुकसान यह जिम्मेदारी उस ट्रेन को चलाने वाले की होगी.

 

ट्रेन की बुकिंग बढ़ाने पर रहेगा जोर

तेजस एक्सप्रेस काफी प्रीमियम श्रेणी की ट्रेन है. ऐसे में इस रेलगाड़ी का किराया शताब्दी के किराए से कुछ अधिक रखने की तैयारी है. तेजस एक्सप्रेस का किराया तय करने की पूरी जिम्मेदारी IRCTC के पास है. इस ट्रेन का बेसिक किराया शताब्दी से थोड़ा सा ज्यादा होगा. लेकिन तेजस एक्सप्रेस के किराए को कुछ इस तरह से डिजाइन किया जा रहा है कि ट्रेन की ज्यादातर सीटें भर जाएं. यात्रियों की मांग को देखते हुए आने वाले समय में किराए में कुछ बदलाव भी किए जा सकते हैं.

 

सस्ते टिकट देने का हो रहा प्रयास

तेजस ट्रेनों से अधिक से अधिक पैसा कमाने और यात्रियों पर कम बोझ डालने के लिए IRCTC इस ट्रेन में विज्ञापन से कमाई का प्लान बना रहा है. इस ट्रेन में अंदर और बाहर दोनों तरफ विज्ञापन की जगहें तैयार की जाएंगी. इन जगहों को मार्केट रेट के हिसाब से बेचा जाएगा.

 

ऐसे बढ़ेगी कमाई

तेजस ट्रेनों में एसएलआर की जगह होगी जिसमें बुक किया हुआ सामान ले जाया जाएगा. इस ट्रेन में माल बुक करके ले जाने का किराया सबसे अधिक होगा. मालभाड़े से भी IRCTC कमाई का प्लान बना रही है. सबसे तेज सामान पहुंचाने वाली ट्रेन के तौर पर इस ट्रेन की ब्रांडिंग की जाएगी.

 

किराए में नहीं मिलेगी छूट

IRCTC की तेजस ट्रेनों के किराए में किसी भी तरह की कोई छूट नहीं दी जाएगी. न तो इसमें वरिष्ठ नागरिकों को किराए में छूट मिलेगी न हीं रेल कर्मचारियों के प्रिविलेज या ड्यूटी पास इस ट्रेन में चलेंगे. ऐसे में जो निर्धारित किराया होगा वो हर यात्री को देना होगा.