Gonda Train Accident: चंडीगढ़-डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस के पटरी से उतर जाने की घटना की जांच कर रही रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों की पांच सदस्यीय टीम ने हादसे के लिए रेल पटरी को ठीक से कसे या बांधे नहीं जाने को जिम्मेदार ठहराया है. समिति के एक सदस्य ने इस राय से असहमति जताई जबकि रेलवे के प्रवक्ता ने कहा कि निष्कर्ष पर पहुंचना जल्दबाजी होगा. सूत्रों ने यह जानकारी दी. रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों की रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘रेल पटरी को ठीक से नहीं कसा गया था, जिसकी वजह से यह अप्रभावी तरीके से काम कर रही थी." 

Gonda Train Accident: दोपहर डेढ़ बजे सामने आया था IMR डिफेक्ट, दो बजकर 28 मिनट पर पार किया था मोतीगंज स्टेशन 

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जांच दल की रिपोर्ट में कहा गया है कि लखनऊ डिवीजन के सीनियर सिलेक्शन ने दोपहर डेढ़ बजे ‘आईएमआर डिफेक्ट (इमीडिएट रिमूवल डिफेक्ट)’ का पता लगाया और चंडीगढ़-डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस ने दोपहर दो बजकर 28 मिनट पर मोतीगंज स्टेशन पार किया. रिपोर्ट में कहा गया कि अपराह्न ढाई बजे मोतीगंज के स्टेशन मास्टर को एक ज्ञापन दिया गया जिसमें खराब स्थान से ट्रेनों के गुजरने की गति 30 किलोमीटर प्रति घंटा निर्धारित करने का अनुरोध किया गया. जांच रिपोर्ट के अनुसार यह हादसा दोपहर दो बजकर 31 मिनट पर हुआ.

Gonda Train Accident: साइट को करना चाहिए संरक्षित, इंजीनियरिंग विभाग को बताया जिम्मेदार

संयुक्त जांच में कहा गया है, ‘जब आईएमआर का पता चला (दोपहर 1.30 बजे), तो सावधानी बरतने का आदेश मिलने तक साइट को संरक्षित किया जाना चाहिए था, लेकिन ऐसा नहीं किया गया, जिसके कारण ट्रेन पटरी से उतर गई. इसके लिए इंजीनियरिंग विभाग जिम्मेदार है.’ इंजीनियरिंग विभाग का प्रतिनिधित्व करने वाले एक वरिष्ठ रेलवे अधिकारी ने लिखा, ‘मैं संयुक्त रिपोर्ट से पूरी तरह असहमत हूं और इसके लिए उन्होंने कई कारण गिनाए, जिनमें से एक कारण ट्रैक की माप भी थी, क्योंकि उनका आरोप था कि उनकी अनुपस्थिति में ट्रैक को गलत तरीके से कसा गया था.’ 

Gonda Train Accident: इंजीनियरिंग विभाग के अधिकारियों ने दी ये सफाई 

इंजीनियरिंग विभाग के अधिकारी ने कहा कि यह निष्कर्ष निकालना गलत है कि वह स्थल संरक्षित नहीं था, क्योंकि आईएमआर स्थल पूरी तरह से सुरक्षित था और यह रेल के पटरी से उतरने का कारण नहीं था. अधिकारी ने निष्कर्ष निकाला कि 'लोको पायलट' द्वारा गलत ब्रेक लगाने के कारण ट्रेन पटरी से उतरी. संयुक्त जांच दल ने ट्रेन चालक दल के बयान में दर्ज दुर्घटना का विवरण उपलब्ध कराया. जांच दल ने बताया कि 19 डिब्बे पटरी से उतरे थे.

Gonda Train Accident: लोको पायलट को महसूस हुआ जोर का झटका, लगाया आपातकालीन ब्रेक

बयान में कहा गया है कि लोको पायलट ने मोतीगंज स्टेशन से अपराह्न 2.28 बजे 25 किमी प्रति घंटे की गति से रेलगाड़ी का संचालन शुरू किया और जब वह 80 किमी प्रति घंटे की गति से किलोमीटर संख्या 638/12 (खराब स्थान) को पार कर रहा था, तो उसे जोरदार झटका महसूस हुआ, जिसके बाद खड़खड़ाहट की आवाज आई, जिसके चलते उसने आपातकालीन ब्रेक लगा दिया. लोको पायलट ने जांच टीम को बताया कि जब इंजन बंद हुआ और उसने पीछे देखा तो धूल के ढेर के बीच डिब्बे पटरी से उतरे हुए थे. 

Gonda Train Accident: पूर्वोत्तर रेलवे के सीपीआरओ ने कहा- 'हादसे के हर पहलू की होगी जांच'

पूर्वोत्तर रेलवे जोन के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी (सीपीआरओ) ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि संयुक्त जांच रिपोर्ट के आधार पर किसी निष्कर्ष पर पहुंचना गलत है. सीपीआरओ ने कहा, ‘‘रेलवे सुरक्षा आयुक्त (सीआरएस) द्वारा जांच पहले ही शुरू की जा चुकी है और शुक्रवार को पहली सुनवाई हुई. इसमें तकनीकी विवरण और छोटी-छोटी जानकारियों के साथ हादसे के हर पहलू की विस्तृत जांच की जाएगी. संयुक्त जांच में कई महत्वपूर्ण बातें सामने नहीं आती हैं, इसलिए किसी निष्कर्ष पर पहुंचना बहुत जल्दबाजी होगी."