Gandhi Jayanti 2023, Gandhiji on Railways: दो अक्टूबर 2023 को गांधी जयंती का राष्ट्रीय पर्व पूरे देश में मनाया जा रहा है. राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के जीवन में रेल का काफी प्रभाव रहा है. दक्षिण अफ्रीका के सेंट पीटर्सबर्ग में उन्हें ट्रेन से बाहर फेंक दिया गया था. वहीं, भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के दौरान वह रेलवे के तीसरे दर्जे में सफर करते थे. हालांकि, महात्मा गांधी ने अपनी किताब हिंद स्वराज में रेलवे की काफी आलोचना की है. गांधी जी ने कहा था कि देश को रेलवे, वकीलों और डॉक्टर ने कंगाल बना दिया है. गांधी जी ने अपनी किताब में लिखा था कि रेल ने देश में महामारी फैलाई है.    

Gandhi Jayanti 2023, Gandhiji on Railways: रेल ने फैला रही है महामारी 

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

गांधीजी ने अपनी किताब हिंद स्वराज पाठक और संपादक के बीच संवाद है. गांधीजी ने अपनी किताब में लिखा था, ' आपके दिल में यह बात तुरंत उठेगी कि अगर रेल न हो तो अंग्रेजों का काबू हिन्दुस्तान पर जितना है उतना तो नहीं ही रहेगा. रेल से महामारी फैली है. अगर रेलगाड़ी न हो तो कुछ ही लोग एक जगह से दूसरी जगह जायेंगे और इस कारण संक्रामक रोग सारे देश में नहीं पहुंच पायेंगे. पहले हम कुदरती तौर पर ही ‘सेग्रेगेशन’ सूतक पालते थे.' 

Gandhi Jayanti 2023, Gandhiji on Railways: रेल से बढ़ती है दुष्टता

हिंद स्वराज में महात्मा गांधी ने आगे लिखा, 'रेल से दुष्टता बढ़ती है. बुरे लोग अपनी बुराई तेजी से फैला सकते हैं. हिन्दुस्तानियों में जो पवित्र स्थान थे, वे अपवित्र बन गये हैं. पहले लोग बड़ी मुसीबत से वहां जाते थे. ऐसे लोग वहां सच्ची भावना से ईश्वर को भजने जाते थे; अब तो ठगों की टोली सिर्फ ठगने के लिए वहां जाती है. रेलगाड़ी हमेशा दुष्टता का ही फैलाव करेगी, यह बराबर समझ लेना चाहिए. उससे अकाल फैलेगा या नहीं, इस बारे में कोई शास्त्रकार मेरे मन में घड़ी-भर शंका पैदा कर सकता है; लेकिन रेल से दुष्टता बढ़ती है यह बात जो मेरे मन में जम गई है वह मिटनेवाली नहीं है.'

Zee Business Hindi Live TV यहां देखें

गांधीजी आगे लिखते हैं, 'रेल के कारण हम अपने को अलग राष्ट्र मानने लगे और रेल के कारण एक-राष्ट्र का खयाल फिर से हमारे मन में आने लगा, ऐसा आप मानें तो मुझे हर्ज नहीं है. अफीमची कह सकता है कि अफीम के नुकसान का पता मुझे अफीम से चला, इसलिए अफीम अच्छी चीज़ है. यह सब आप अच्छी तरह सोचिए. अभी आपके मन में और भी शंकाएं उठेंगी. लेकिन आप खुद उन सबको हल कर सकेंगे.'