जल्द ही भारतीय रेलवे में रेलगाड़ियों को चलाने का काम करते हुए रेलवे के पीएसयू या अन्य संस्थाएं दिखाई देंगी. शुरूआत में रेलवे दो रेलगाड़ियों के परिचालन की जम्मेदारी रेलवे के उपक्रम IRCTC को देने जा रहा है. ये दोनों ट्रेनें बेहद खास ट्रेनें होंगी और IRCTC रेलवे के नेटवर्क पर इन ट्रेनों को चलाने के लिए रेलवे को शुल्क भी देगा.

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IRCTC को मिल सकती हैं दो तेजस

रेल मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार आने वाले दिनों में IRCTC को दो तेजस ट्रेनें चलाने के लिए दी जाएंगी. इनमें से एक रेलगाड़ी दिल्ली से लखनऊ के बीच चलेगी वहीं दूसरी दक्षिण भारत में चलाए जाने की योजना पर काम चल रहा है.

10 जुलाई तक मांगा गया प्रस्ताव

रेलवे की ओर से IRCTC को पत्र लिख कर कहा गया है कि वो 10 जुलाई तक एक विस्तृत प्रस्ताव बना कर भेजें कि वो किस तरह इन ट्रेनों का परिचालन करेंगे और ट्रेन को चलाने को ले कर क्या नियम व शर्तें होंगी.

हॉलेज कांसेप्ट पर चलेंगी ट्रेनें

गौरतलब है कि IRCTC को जो ट्रेनें दी जाएंगी उन ट्रेनों को हॉलेज कांसेप्ट पर चलाया जाएगा. इसके तहत रेलगाड़ी को चलाने, उसकी टिकटिंग व ऑन बोर्ड सर्विस की जिम्मेदारी IRCTC की ही होगी.

क्या है हॉलेज कांसेप्ट

दरअसल एक ट्रेन या एक डिब्बे को एक स्टेशन से दूसरे स्टेशन तक पहुंचाने में रेलवे का एक खर्च आता है. इस खर्च को ही हॉलेज कहते हैं. रेलवे हॉलेज चार्ज के तहत जिसे भी ट्रेन देगी उससे गाड़ी को रेलवे के नेटवर्क पर चलने में आने वाले खर्च और उस पर कुछ मुनाफा लेगी. बाकी ट्रेन के चलने में फायदा हो या नुकसान यह जिम्मेदारी उस ट्रेन को चलाने वाले की होगी.

100 दिन के एक्शन प्लान में है ये काम

रेल मंत्रालय की ओर से तैयार किए गए 100 दिन के एक्शन प्लान के तहत आने वाले दिनों में प्रीमियम रेलगाड़ियों को चलाने का काम निजी ऑप्रेटर्स को दिया जाना है. इन प्रीमियम ट्रेनों  में राजधानी व शताब्दी रेलगाड़ियां भी हैं.