दिल्ली सरकार ने शुरू की ये खास योजना, मिलेगा देश घूमने का मौका
दिल्ली सरकार ने मुख्यमंत्री तीर्थ यात्रा के लिए बुधवार से पंजीकरण शुरू कर दिया. इस योजना की शुरुआत दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने खुद की.
दिल्ली सरकार ने मुख्यमंत्री तीर्थ यात्रा के लिए बुधवार से पंजीकरण शुरू कर दिया. इस योजना की शुरुआत दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने खुद की. इस मौके पर उन्होंने कहा कि जिस समाज में बुजुर्गों का सम्मान नहीं किया जाता वह समाज कभी आगे नहीं बढ़ सकता है. इस योजना के तहत पहले आओ पहले पाओ के आधार पर वरिष्ठ नागरिकों का चयन यात्रा के लिए किया जाएगा. इस योजना का लाभ लेने के लिए दिल्ली का निवासी होना अनिवार्य होग. पहले जत्थे में लगभग 1000 लोगों को तीर्थ यात्रा पर लिए जाने की योजना है.
वरिष्ठ नागरिकों को मिलेगी ये सुविधा
इस योजना का लाभ लेने के लिए दिल्ली का नागरिक होने के साथ ही आयु 60 साल से अधिक होना चाहिए. इस योजना पर सरकार की वेबसाइट http://eDistrict.delhigovt.nic.in के जरिए पंजीकरण कराया जा सकता है. ऑनलाइन पंजीकरण के अलावा ई-डिस्ट्रिक्ट केंद्र और स्थानीय विधायक के कार्यालय में जाकर भी पंजीकरण कराया जा सकता है. एक साल में अधिकतम 77 हजार वरिष्ठ इस सुविधा का लाभ ले सकेंगे. इस योजना के तहत हर विधानसभा से वरिष्ठ नागरिकों का चलन करने का लक्ष्य रक्षा गया है. एक विधानसभा से लगभग 1100 लोगों का चयन किया जाएगा.
IRCTC से किया गया समझौता
दिल्ली के वरिष्ठ नागरिकों को तीर्थ यात्रा करने के लिए दिल्ली सरकार ने रेलवे के उपक्रम आईआरसीटीसी से समझौता किया है. आईआरसीटीसी की ये खास ट्रेन दिल्ली के सफदरजंग रेलवे स्टेशन से रवाना होगी. ये ट्रेन 15 कोच वाली सामान्य श्रेणी की ट्रेन होगी. यात्रियों के साथ डॉक्टरों की टीम व पैरामेडिकल स्टाफ भी यात्रा करेगा ताकि वरिष्ठ नागरिकों को किसी तरह की दिक्कत न हो. 70 साल से अधिक के लोगों को एक सहयोगी साथ ले जाने की सुविधा होगी.
इन रूटों पर करायी जाएगी यात्रा
दिल्ली सरकार की ओर से तीर्थ यात्रा कराने के लिए 05 रूट निर्धारित किए गए हैं. वैष्णो देवी दर्शन के लिए पांच दिनों का ट्रिप होगा वहीं मथुरा-वृंदावन-आगरा-फतेहपुर सिकरी, हरिद्वार-ऋषिकेस-नीलकंठ और पुष्कर-अजमेर का तीन अलग-अलग ट्रिप 4-4 दिनों के होंगे. इसके अलावा अमृतसर, वाघा बार्डर, आनंदपुर साहिब का ट्रिप भी 5 दिन का होगा. प्रति व्यक्ति करीब 8500 रुपये का खर्च दिल्ली सरकार उठाएगी.