भारत में बनाए जा सकते है बुलेट ट्रेन के डिब्बे, दिया गया ये प्रस्ताव
रेलवे के कोच बनानेवाली कंपनी बीईएमएल ने जापानी कंपनी हिताची के सहयोग से बुलेट ट्रेन के कम से कम छह रैक (60 कोच) को स्वदेश में तैयार करने की बात कही है.
रेलवे के कोच बनानेवाली कंपनी बीईएमएल ने जापानी कंपनी हिताची के सहयोग से बुलेट ट्रेन के कम से कम छह रैक (60 कोच) को स्वदेश में तैयार करने की बात कही है.हिताची और कावासाकी- जापान की ये दो कंपनियां जापान सरकार समर्थित अहमदाबाद-मुंबई बुलेट ट्रेन परियोजना का मुख्य ठेका लेने के लिए बोली लगाएंगी. ईएमएल के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक डीके होटा ने इस मौके पर कहा कि "हमने छह बुलेट रेक (60 डिब्बे) को घरेलू स्तर पर बनाने के लिये अपना अनुरोध जमा कर दिया है."
2023 तक पूरी होनी है परियोजना
हालांकि, संयुक्त बैठक में हिताची ने संकेत दिया है कि यदि परियोजना को 2023 तक पूरा करना है तो एक से ज्यादा रैक (दस डिब्बे) भारत में बनाना संभव नहीं हो पाएगा.होटा ने कहा, "घरेलू स्तर पर तैयार किये जाने इस प्रक्रिया में हम ज्यादा काम जो कि देश के लिये फायदे का सौदा हो सकता है और बुलेट ट्रेन परियोजना में हमारे निवेश को व्यावहारिक बनायेगा."
बीईएमएल डिब्बों के अंदर का काम करना चाहती है
इस परियोजना का मूल्य 15 अरब डॉलर है. इसमें 24 रैक यानी 240 कोच शामिल है और यह मुंबई से अहमदाबाद के बीच दौड़ेगी. बीईएमएल डिब्बों के अंदर के काम का पूरा अनुबंध चाहती है. इसे तकनीकी भाषा में तृतीय स्तर का स्वदेशीकरण कहा जाता है. कंपनी के अधिकारी विनिर्माण के मामले में वस्तुस्थिति का जायजा लेने के लिए जापान में हिताची के कारखाने तक हो आए हैं.
बीईएमएल के डिब्बे के कारोबार में आई तेजी
बीईएमएल मेक इन इंडिया प्रोजेक्ट के तहत बुलेट ट्रेन के डिब्बों को देश में बनाने पर जोर दे रहा है. पिछले कुछ समय में बीईएमएल के रेलवे व मेट्रो के डिब्बे बनाने के कारोबार में काफी तेजी आई है. कंपनी हर साल रेलवे को लगभग 800 डिब्बे व मेट्रो को लगभग 300 डिब्बे सप्लाई कर रही है. कंपनी को मुम्बई मेट्रो कॉरीडॉर के लिए 3015 करोड़ रुपये का एक ठेका भी मिला है. कंपनी मुम्बई मेट्रो के लिए 378 मेट्रो कार बनाएगी.