Railway Vande Bharat Train: उत्तर प्रदेश के इटावा के पास बृहस्पतिवार को एक सांड के टकरा जाने से आई तकनीकी खराबी के कारण अयोध्या-दिल्ली वंदे भारत ट्रेन लगभग तीन घंटे तक रुकी रही. रेलवे ने बताया कि ट्रेन से सांड टकरा जाने के कारण ट्रेन के इंजन में कुछ तकनीकी कमी के साथ प्रेशर पाइप लीक हो गया था. उत्तर मध्य रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी शशिकांत त्रिपाठी ने बताया, “भरथना रेलवे स्टेशन के पास एक सांड दुर्घटनावश पटरी पर आ गया और उसके ट्रेन से टकराने के कारण इंजन को काफी नुकसान पहुंचा और इससे उसके (ट्रेन के) संचालन में तकनीकी समस्या उत्पन्न हो गई.'

दिल्ली-हावड़ा मार्ग पर पटरी के आसपास बाड़ लगाने का काम जारी

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शशिकांत त्रिपाठी ने बताया कि समस्या को ठीक करने में समय लगा क्योंकि ट्रेन के आगे बढ़ने पर कई बार यह खामी सामने आई. रेलवे अधिकारियों के अनुसार, पिछले कुछ वर्षों में दिल्ली-हावड़ा मार्ग पर पटरी के आसपास बाड़ लगाने का काम जारी है, लेकिन भरथना स्टेशन के पास अभी तक बाड़ नहीं लगाई गई है. त्रिपाठी ने बताया, ‘दिल्ली-हावड़ा मार्ग पर बाड़ लगाने का काम स्वीकृत किया जा चुका है और काम जारी है.'

1400 किमी तक लगाई जाएगी बाड़, मवेशी की समस्या से मिलेगा छुटकारा

गाजियाबाद और दीन दयाल उपाध्याय स्टेशन के बीच 700 किलोमीटर लंबा मार्ग दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र के अंतर्गत आता है. चूंकि पटरी के दोनों तरफ बाड़ लगाने की जरूरत है, इसलिए कुल 1,400 किलोमीटर तक बाड़ लगाई जाएगी.’ उन्होंने बताया कि 1,100 किलोमीटर पर पहले ही बाड़ लगाई जा चुकी है, जबकि शेष 300 किलोमीटर का काम दिसंबर 2024 तक पूरा किए जाने की उम्मीद है. अधिकारी ने कहा, ‘हमें उम्मीद है पटरी के दोनों ओर बाड़ लगाने के बाद इस मार्ग पर मवेशियों के कटने की घटनाएं खत्म हो जाएंगी.’

बरसात में पटरियों के पास आ जाते हैं मवेशी 

एक लोको पायलट ने कहा, ‘बाड़ ने होने के कारण, मुख्यतः बरसात के मौसम में मवेशी चरने के लिए पटरियों के पास आ जाते हैं, जिससे वे ट्रेनों की चपेट में आ जाते हैं. मेरा मानना ​​है कि रेलवे सुरक्षा बल को इस समस्या से निपटने के लिए और अधिक सतर्क रहने की जरूरत है तथा ऐसे मवेशियों के मालिकों के खिलाफ मामला दर्ज करना चाहिए.’ 

भरथना रेलवे स्टेशन पर नौ सितंबर को दिल्ली-वाराणसी वंदे भारत ट्रेन में गंभीर तकनीकी खराबी हो गई थी, जिसके कारण ट्रेन को रद्द कर दिया गया. यात्रियों को अन्य ट्रेन के जरिए भेज दिया गया, लेकिन इसे कारण कई एक्सप्रेस और मेल ट्रेनें घंटों देरी से चली थीं.