रेलवे ने इंदौर से अहमदाबाद के बीच चलने वाली शांति एक्सप्रेस ट्रेन केा स्वर्ण योजना के तहत उपग्रेट किया है. इस प्रोजेक्ट के तहत इस ट्रेन के सभी एसी ट्रेनों को बेहद खूबसूरत बनाए जाने जाने के साथ ही काफी आरामदायक बनाया है. ट्रेन में किए गए इस बदलाव के चलते यात्रियों को यात्रा के दौरान काफी सहूलियत होगी.

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स्वर्ण प्रोजेक्ट के तहत ट्रेन में हुए बदलाव

भारतीय रेलवे द्वारा रेलगाड़ियों को खूबसूतर व आरामदायक बनाने के लिए राजधानी व शताब्दी जैसी प्रीमियम गाड़ियों के लिए स्वर्ण परियोजना की शुरुआत की है. वहीं मेल व एक्सप्रेस रेलगाड़ियों को उत्कृष्ट परियोजना के तहत अपग्रेट किया जा रहा है. इस परियोजना के तहत सबसे पहले 2017 में नई दिल्ली से काठगोदाम के बीच चलने वाली शताब्दी रेलगाड़ी को सबसे पहली बार अपग्रेट किया गया था.

स्वर्ण परियोजना के तहत होते हैं ये सुधार

स्वर्ण परियोजना के तहत ट्रेन के अंदर दाखिल होते ही आपको विनायल रैपिंग की हुई दिवारें दिखेंगी जो ट्रेन में दाखिल होते ही बेहतर अनुभव देती हैं.

रेलगाड़ियों के शौचालयों में बड़े पैमाने पर बदलाव किए जाते हैं. इसके तहत शौचालय में आधुनिक फिटिंग लगाने के साथ ही यहां भी खूबसूरत विनायल रैपिंग होती है. ट्रेन को खूबसूरत पेंटिंगों से सजाने के साथ ही ट्रेन की छत को आकर्षक विनायल रैपिंग से सजाया जाता है.

 

इन ट्रेनों में लगाए गए एलएचबी रेक

भारतीय रेलवे ने गोरखपुर- लखनऊ इंटरसिटी और वलसाड-दाहोद सुपरफास्ट एक्सप्रेस में पारंपरिक रेक को हटा कर उनकी जगह पर एलएचबी रेक लगाया है. एचएलबी रेक जहां अधिक चौड़ा होता है वहीं इसकी सीटें भी अधिक आरामदाक होती हैं. किसी रेल हादसे के दौरान एलएचबी के डिब्बे एक दूसरे पर नहीं चढ़ते जिससे हादसे के दौरान जान - माल की हानि होने की संभावना कम रहती है.