Exclusive: देश में निजी इंश्योरेंस कंपनियों के लिए एक अच्छी और राहत भरी खबर आई है. इंश्योरेंस रेगुलेटर कंपनी IRDAI लगातार इंश्योरेंस पॉलिसी को और बेहतर बनाने के लिए लगातार काम कर रहा है और इसी सिलसिले में कंपनी ने एक और नए बदलाव को प्रस्ताव किया है. ज़ी बिजनेस को मिली एक्सक्लूसिव जानकारी के मुताबिक, पॉलिसी को बेचने में जो मैनेजमेंट खर्चें लगते है उनकी एक सिंगल लिमिट तय की जाएगी, यानी कि पॉलिसी बिक्री खर्चों की एक सिंगल लिमिट तय की जाएगी. 

IRDAI ने क्यों पेश किया ये प्रस्ताव

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मौजूदा समय में किसी पॉलिसी को बेचने में कमीशन, तनख्वाह और मैनेजमेंट खर्चों के लिए अलग-अलग लिमिट तय की गई थी लेकिन अब IRDAI की ओर से ये प्रस्तावित किया गया है कि एक सिंगल लिमिट तय की जाए. इस नए प्रस्ताव से पीएसयू कंपनियों को झटका लगेगा लेकिन निजी इंश्योरेंस कंपनियों को इसका बहुत फायदा मिलेगा. 

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PSU इंश्योरेंस कंपनियों को क्यों होगा नुकसान

ज़ी बिजनेस को मिली एक्सक्लूसिव जानकारी के मुताबिक, निजी कंपनियों का सैलरी का खर्च 30 फीसदी है लेकिन पीएसयू कंपनियों के लिए ये खर्चा 70 फीसदी तक जाता है. ऐसे में प्राइवेट कंपनियों के पास ज्यादा पूंजी बचेगी और इस पूंजी का इस्तेमाल वो ज्यादा कमीशन और विज्ञापन देने में कर सकते हैं. 

हालांकि इस नए प्रस्ताव के आ जाने से पीएसयू कंपनियों का मार्केट शेयर कम हो जाएगा. इसके अलावा पीएसयू कंपनियों की फिक्स्ड कॉस्ट और सैलरी कॉस्ट ज्यादा है, ऐसे में सुझाव दिया गया है कि पीएसयू कंपनियों की ओर से थोड़ी रियायत दी जाए. 

PSU कंपनियों का मार्केट शेयर

IRDAI की फाइनेंस एंड सॉल्वेंसी वर्किंग ग्रुप कमिटी ने ये प्रस्ताव रखा है. पीएसयू मार्केट कंपनियों का मार्केट शेयर 39-40 फीसदी के आसपास है, जो कि अपने आप में काफी बड़ा है, ऐसे में IRDAI की कमिटी के प्रस्ताव के पास होने से पीएसयू कंपनियों को काफी नुकसान होगा.