Student Travel Insurance: भारत से ही खरीदना क्यों हैं ज्यादा फायदेमंद? एक्सपर्ट से समझें
Student Travel Insurance: अगर आपने विदेश में स्टडी के ट्रैवल का प्लान बना लिया हैं, तो फ्लाइट पर चढ़ने से पहले एक चेकलिस्ट तैयार कर लें. इसमें सामान्य चीजों के साथ-साथ स्टूडेंट ट्रैवल इंश्योरेंस को जरूर शामिल करना चाहिए.
Student Travel Insurance
Student Travel Insurance
Student Travel Insurance: हर साल हजारों स्टूडेंट हायर स्टडी के लिए दूसरे देश में जाते हैं. विदेश मंत्रालय की रिपोर्ट के मुताबिक भारत के 13 लाख से ज्यादा स्टूडेंट दुनिया भर के 79 अलग-अलग देशों में पढ़ रहे हैं. साल का यह समय ऐसा माना जाता है, जब ये स्टूडेंट अपनी पढ़ाई को शुरू करने के लिए अपने घर छोड़ रहे होते हैं. अगर आपने विदेश में स्टडी के ट्रैवल का प्लान बना लिया हैं, तो फ्लाइट पर चढ़ने से पहले एक चेकलिस्ट तैयार कर लें. इसमें सामान्य चीजों के साथ-साथ स्टूडेंट ट्रैवल इंश्योरेंस को जरूर शामिल करना चाहिए. कुछ लोग उस देश से इंश्योरेंस लेने के बारे में सोचते हैं जहां वे जा रहे हैं, लेकिन इसे भारत से ही लेना ज्यादा बेहतर है. ऐसा इसलिए क्योंकि इससे ज्यादा पैसे बचा सकते हैं.
पॉलिसीबाजार डॉट कॉम के हेड- ट्रैवल इंश्योरेंस अमित छाबड़ा कहते हैं, भारत से स्टूडैंट ट्रैवल इंश्योरेंस खरीदना फायदेमंद है. ऐसा इसलिए क्योंकि यह छात्र को विदेश में रहने की अवधि के दौरान यात्रा के दौरान होने वाली मेडिकल और नॉन मेडिकल दोनों प्रकार की परेशानियों से आर्थिक रूप से बचाता है. साथ ही इस इंश्योरेंस प्लान में लैपटॉप खो जाने, फ्लाइट में देरी, मेडिकल खर्च, लीगल फीस जैसे अचानक आने वाले रिस्क का कवर मिलता है.
इसके अलावा यह आपको काफी बचत करने में मदद करता है क्योंकि विदेश में खरीदी गई पॉलिसी की तुलना में भारत में पॉलिसी की कीमत करीब एक तिहाई कम होगी. जैसेकि, अगर आप USA में ग्रेजुएट प्रोग्राम के लिए रजिस्टर हैं, जिसकी एनुअल फीस करीब 12 लाख रुपये है, तो भारत से इंश्योरेंस लेने की कुल लागत में केवल 1 फीसदी की बढ़ोतरी होगी, जो कि करीब 12,000 रुपये होगी.
Student Travel Insurance: क्या-क्या होगा कवर
मेडिकल कवरेज
TRENDING NOW
भारी गिरावट में बेच दें ये 2 शेयर और 4 शेयर कर लें पोर्टफोलियो में शामिल! एक्सपर्ट ने बताई कमाई की स्ट्रैटेजी
EMI का बोझ से मिलेगा मिडिल क्लास को छुटकारा? वित्त मंत्री के बयान से मिला Repo Rate घटने का इशारा, रियल एस्टेट सेक्टर भी खुश
मजबूती तो छोड़ो ये कार किसी लिहाज से भी नहीं है Safe! बड़ों से लेकर बच्चे तक नहीं है सुरक्षित, मिली 0 रेटिंग
भारत की तुलना में दूसरे देशों में इलाज कराना ज्यादा महंगा हो सकता है. जैसेकि, US में डॉक्टर कंस्टलटेशन का खर्च करीब $100-200 हो सकता है. किसी स्पेशलिस्ट से कंस्लटेशन का खर्च $250-$300 हो सकता है, जो भारतीय रुपये में 20,500-27,000 रुपये है. इसलिए, अचानक कोई मेडिकल समस्या होने पर इंश्योरेंस न होने से पैसे की दिक्कत हो सकती है. इसमें डॉक्टर विजिट और इमरजेंसी रूम चार्ज जैसी लागतें शामिल हैं, इसमें दवाओं की लागत को शामिल नहीं किया गया है.
ट्रैवल प्रोटेक्शन
ट्रैवल करते समय सामान या उड़ान में देरी जैसी समस्याएं होना आम बात है. इन परेशानियों से होने वाले नुकसान से खुद को बचाना समझदारी है. इस तरह, ट्रैवल इंश्योरेंस पॉलिसी स्टूडेंट्स उन चीजों के लिए भुगतान करने में मदद करती है जिनकी उन्हें जरूरत हो सकती है. अगर उनका चेक किया हुआ सामान देर से आता है. जब उनका पासपोर्ट खो जाता है और नया पासपोर्ट प्राप्त करने के दौरान होने वाले खर्च को भी इस इंश्योरेंस के अंदर कवर किया जाता है.
रहने की व्यवस्था
अगर स्टूडेंट ने मौजूदा सेमेस्टर की फीस का पहले ही भुगतान कर दिया है लेकिन स्वास्थ्य समस्याओं के कारण उन्हें घर वापस जाना पड़ता है, तो ऐसे में इंश्योरेंस के साथ स्टूडेंट के "रहने" की सुविधा के लिए मिलने वाला कवर स्टूडेंट की फीस को कवर करता है. अगर किसी स्टूडेंट के परिवार को तत्काल उनसे मिलना जरूरी हो या अगर स्टूडेंट को फैमिली इमरजेंसी के चलते घर वापस जाना पड़ जाए तो ट्रैवल कॉस्ट को भी इंश्योरेंस के अंदर कवर किया जाता है.
यूनिवर्सिटी और भारत से इंश्योरेंस खरीदने में क्या है फर्क
अमित छाबड़ा कहते हैं, स्टूडेंट ट्रैवल इंश्योरेंस अगर इंस्टिट्यूशन से खरीदते हैं, तो ज्यादातर परिस्थितियों में मिलने वाला मेडिकल कवरेज यूनिवर्सिटी की सुविधाओं तक ही सीमित होगा. इसके मुकाबले ट्रैवल से पहले भारत से इंश्योरेंस खरीदने से पूरा कवर मिलेगा क्योंकि यह मेडिकल और ट्रैवल इंश्योरेंस का एक कॉम्बिनेशन है. इसके अलावा, यह आस-पास की जगहों के ट्रैवल से भी कवर मिलता है. जैसेकि, अगर अमेरिका में पढ़ने वाला कोई छात्र मेक्सिको की यात्रा पर जाता है और बीमार पड़ने या दुर्घटना होने जैसी किसी मेडिकल इमरजेंसी का सामना करना पड़ता है, तो भारत से खरीदे गए प्लान के आधार पर, इसमें इन-पेशेंट और आउट पेशेंट ट्रीटमेंट, एक्स-रे और अन्य डायग्नोस्टिक टेस्ट शामिल होंगे.
हालांकि, आपको इंश्योरेंस प्रोवाइडर के थर्ड पार्टी एडमिनिस्ट्रेशन से राइट हासिल करने की जरूरत होगी. लेकिन अगर इंश्योरेंस पॉलिसी यूनिवर्सिटी से खरीदी जाती है तो यह संभव नहीं होगा. इस तरह, एक कॉम्प्रिहेंसिव पर्सनल पॉलिसी होने से यह सुनिश्चित होगा कि किसी अन्य देश में या आस-पास की यात्रा करते समय होने वाले जोखिम पॉलिसी के अंदर कवर है. इसके अलावा, यूनिवर्सिटी द्वारा दी जाने वाली कुछ पॉलिसी आपकी सभी आवश्यकताओं को पूरा नहीं कर सकती हैं। इसलिए, पॉलिसी को खरीदने से पहले पॉलिसी के साथ मिलने वाली सुविधाओं की तुलनना कर निर्णय लेने की सलाह दी जाती है.
Student Travel Insurance: प्रीमियम पर बचत
अमित छाबड़ा के मुताबिक, भारत से खरीदी गई पॉलिसी पर प्रीमियम कम देना होता है. ऐसा इसलिए क्योंकि वे विदेशों में यूनिवर्सिटी की ओर से दी जाने वाली सुविधा के मुकाबले काफी सस्ती है. यह कीमत इंटरनेशनल लेवल पर उपलब्ध कराई गई कीमत से एक तिहाई सस्ती है. हालांकि, US और कनाडा के लिए मिनिमम करीब $250,000 और UK के लिए करीब $100,000 का कवर लेने का सुझाव रहता है. इसके अलावा भारत में खरीदी गई स्टूडेंट ट्रैवल इंश्योरेंस पॉलिसी नेटवर्क अस्पतालों में कैशलेस मेडिकल केयर भी उपलब्ध करती है.
Zee Business Hindi Live TV यहां देखें
01:33 PM IST