अक्सर कारोबार के सिलसिले में या बीमा कंपनी और बैंक द्वारा अपने ग्राहकों से कैंसिल चेक मांगा जाता है. इसके अलावा कई कंपनियां जॉब के समय अपने कर्मचारी से कैंसल चेक लेती हैं. ऐसे में आपके मन में ये सवाल जरूर आया होगा कि आखिर कैसिंल चेक का उपयोग क्या है. कैंसिल चेक एक तरह से बेकार होता है, तो फिर उसका क्या किया जाता है. आइए इस बारे में जानें सभी जरूरी बातें. 

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कैंसिल चेक सामान्य चेक की तरह ही होता है. सामान्य चेक के ऊपर cancelled लिखकर या आड़ी तिरछी दो लंबी लाइनें खींच देने से वह कैंसिल चेक बन जाता है. इसका अर्थ होता है कि अब ये चेक किसी काम का नहीं रहा और इसका इस्तेमाल पैसे निकालने के लिए नहीं किया जा सकता. 

कैंसल चेक की जरूरत क्यों पड़ती है?

कैंसल चेक को एक सत्यापन दस्तावेज के तौर पर देखा जाता है. अगर आप किसी को कैंसिल चेक दे रहे हैं, तो उससे आपके बैंक खाते, आपके नाम आदि की पुष्टि होती है. कुल मिलाकर कैंसिल चेक से पांच पुख्ता जानकारी मिलती हैं.

1. आपका नाम

2. जिस बैंक में आपका खाता है, उसका नाम

3. खाता संख्या

4. बैंक का आईएफएससी कोट

5. आपके हस्ताक्षर

कैंसिल चेक देते समय सावधानी

कैंसिल चेक बेकार है, ये सोचकर किसी को भी नहीं दे देना चाहिए. कैंसिल चेक पर आपके बैंक खाते से जुड़ी अहम जानकारी होती है. इसका इस्तेमाल गलत तरीके से आपके खाते से पैसे निकालने के लिए हो सकता है. अगर हो सके तो बिना साइन किया कैंसिल चेक ही दें. हस्ताक्षर किया गया कैंसिल चेक सिर्फ उन्हीं कंपनियों और संस्थानों को दीजिए, जिन पर आप पूरा भरोसा करते हैं.

कहां देना पड़ता है कैंसिल चेक-

1. डीमैट खाता खुलवाने के लिए

2. बैंक में केवाईसी कराने के लिए

3. बीमा खरीदने के लिए

4. ईएमआई भरने के लिए

5. म्यूचुअल फंड में निवेश के लिए 

6. बैंक से लोन पाने के लिए

7. ईपीएफ का पैसा निकालने के लिए