बैंक में लावारिस FD खोजना आसान, ओवरड्राफ्ट की रकम से होगा UPI Payment, आपके लिए RBI ने लिए ये बड़े फैसले
RBI MPC UPI Payment: RBI ने आज रेपो रेट को तो स्थिर रखकर राहत पहुंचाई ही है. साथ ही आम लोगों के लिए भी कुछ बड़ी घोषणाएं की हैं.
RBI ने आज आम ग्राहकों के लिए भी की कई घोषणाएं. (Image: Reuters)
RBI ने आज आम ग्राहकों के लिए भी की कई घोषणाएं. (Image: Reuters)
RBI MPC UPI Payment: केंद्रीय रिजर्व बैंक ने गुरुवार को अपने मॉनेटरी पॉलिसी कमिटी (RBI MPC Meet) की बैठक के नतीजों में आज रेपो रेट को तो स्थिर रखकर राहत पहुंचाई ही है. साथ ही आम लोगों के लिए भी कुछ बड़ी घोषणाएं की हैं. बैंक में लोन की प्रक्रिया और यूपीआई पेमेंट के विस्तार सहित ऐसे कई कस्टमर फ्रेंडली फैसले आरबीआई ने लिए हैं.
लावारिस FD खोज सकेंगे
अनक्लेम्ड डिपॉजिट का बड़ा मुद्दा था. ऐसे बहुत से लावारिस एफडी बैंकों के पास पड़े रहते थे, जिन्हें कोई क्लेम नहीं करता था. बैंकों ने 35,000 करोड़ के अनक्लेम्ड डिपॉजिट आरबीआई को ट्रांसफर किया था. इसपर आरबीआई ने बड़ा फैसला लिया है. अब इसके लिए एक सेंट्रलाइज्ड पोर्टल बनाया गया है, जिसपर पब्लिक अपने लावारिस एफडी ढूंढ पाएगी. तीन-चार महीनों में ये पोर्टल काम शुरू कर देगा.
लोन चुकाने के बाद भी सिबिल से नाम नहीं हटाने पर पेनाल्टी
ऐसे बहुत से मामले देखने को मिलते थे कि ग्राहकों की ओर से लोन चुका देने के बावजूद भी सिबिल से ग्राहकों का नाम हटता नहीं था, इससे उनके क्रेडिट स्कोर पर असर पड़ता था, लेकिन अब ऐसा प्रावधान लाया जाएगा कि अगर ग्राहक लोन चुका देते हैं और सिबिल पर से उनका नाम नहीं हटाया गया तो इसके लिए पेनाल्टी लगाई जाएगी.
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ओवरड्राफ्ट की रकम से भी अब UPI पेमेंट
आरबीआई ने प्रस्ताव रखा है कि यूपीआई के जरिए अब ग्राहक डिजिटल क्रेडिट लाइन के जरिए पेमेंट कर सकेंगे. यानी कि बैंक यूपीआई पेमेंट के लिए प्री-सैंक्शंड क्रेडिट लाइन दे सकेंगे. इसके लागू होने के बाद उधारकर्ता सीधे यूपीआई के जरिए क्रेडिट लाइन यानी कर्ज मिल सकेंगे, जोकि अधिकतर buy now, pay later प्लेटफॉर्म्स के जरिए मिलता है. यानी कि ऐसे यूपीआई पेमेंट बैंक सीधे फाइनेंस करेंगे.
#RBIMonetaryPolicy में सामने आई आपके काम की बात⚡️
— Zee Business (@ZeeBusiness) April 6, 2023
⚡️ओवर ड्राफ्ट की रकम से भी अब #UPIPayment
⚡️लोन चुकाने के बाद भी #CIBIL से नाम नहीं हटाने पर पेनाल्टी
जानिए पूरी डिटेल्स वरुण दुबे से...@VarunDubey85 pic.twitter.com/AHIiYPAFhL
रेगुलेटरी कंप्लायंस के लिए नया पोर्टल
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने उसके रेगुलेशन के दायरे में आने वाली इकाइयों के लिये रेगुलेटरी प्रक्रिया को सरल और सुगम बनाने के लिये पहल की है. इसके अंतर्गत पोर्टल ‘प्रवाह’ बनाने का निर्णय किया गया है. चालू वित्त वर्ष की पहली द्विमासिक मॉनिटरी पॉलिसी जारी करते हुए भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि रेगुलेटरी प्रक्रिया को आसान बनाने के मकसद से 'प्रवाह' (नियामकीय आवेदन के लिये मंजूरी और अधिकार पत्र देने का प्लेटफॉर्म) नाम से एक सुरक्षित वेब आधारित सेंट्रलाइज्ड पोर्टल डेवलप करने का फैसला किया गया है.
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बैंक अब नॉन NRIs को भी बिना डिलिवरी वाले फॉरेन करेंसी डेरिवेटिव बेच सकेंगे
भारतीय रिजर्व बैंक ने देश के भीतर रुपये में ‘नॉन-डेलिवरेबल फॉरेन एक्सचेंज डेरिवेटिव कॉन्ट्रैक्ट’ (एनडीडीसी) व्यवस्था के विकास के लिए कदम उठाया है. इसके तहत, उन बैंकों को घरेलू बाजार में ग्राहकों को रुपये में एनडीडीसी की पेशकश करने की मंजूरी दी गयी है जो अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र (आईएफएससी) में बैंकिग इकाई (आईबीयू) का परिचालन करते हैं. आईएफएससी में बैंकिंग इकाइयों (आईबीयू) का संचालन करने वाले बैंकों को प्रवासियों के साथ रुपये में एनडीडीसी लेनदेन करने की मंजूरी पहले से है. ये व्यवस्था एक जून, 2020 से प्रभावी है.
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