एक समय था जब कार खरीदना स्‍टेटस सिंबल होता था, लेकिन आज के समय में ये एक जरूरत बन गया है. यही वजह है कि पिछले कुछ सालों में मिडिल क्‍लास लोगों के बीच कार का इस्‍तेमाल तेजी से बढ़ा है. आमतौर पर मिडिल क्‍लास लोग अपनी ज्‍यादातर जरूरतों को बैंक से लोन के जरिए पूरा करते हैं क्‍योंकि मासिक ईएमआई के जरिए उनके बड़े काम आसानी से निपट जाते हैं.

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अगर आप भी मिडिल क्‍लास का हिस्‍सा हैं और आने वाले नए साल 2023 में नई कार खरीदने की प्‍लानिंग कर रहे हैं, तो 50:20:04 का फॉर्मूला आपके लिए काफी काम का हो सकता है. इस फॉर्मूले से आप अपनी कार भी आसानी से खरीद लेंगे, आपका बजट भी नहीं बिगड़ेगा और हंसते-हंसते आपकी ईएमआई भी निपट जाएगी. यहां जानिए क्‍या है 50:20:04 का फॉर्मूला.

50 के मायने

50 के मायने आपकी 50 फीसदी इनकम से है. कई बार हम मार्केट में तमाम लग्‍जरीयस गाड़ी देखते हैं, तो उन्‍हें खरीदने का खयाल आता है. ऐसे में बैंक से बड़ा लोन लेना पड़ता है और बड़ी ईएमआई चुकानी पड़ती है जो बाद में आपके घर के बजट पर असर डालती है. फाइनेंशियल एक्‍सपर्ट्स मानते हैं कि किसी भी व्‍यक्ति को अपनी सालाना आय की 50 फीसदी कीमत से ज्‍यादा महंगी कार नहीं खरीदनी चाहिए. यानी अगर आपका सालाना पैकेज 12 लाख का है तो आपको 6 लाख रुपए से ज्‍यादा कीमत की कार नहीं खरीदनी चाहिए. वरना आपका बजट गड़बड़ा सकता है.

20 का मतलब जानें

20 का मत‍लब गाड़ी की ऑन रोड कीमत के डाउन पेमेंट से है. कार खरीदने से पहले आपके पास कम से कम गाड़ी की ऑन रोड कीमत की 20 फीसदी रकम जरूर होनी चाहिए जो आप डाउन पेमेंट के तौर पर दे सकें. 20 फीसदी डाउन पेमेंट कर देने से आपकी लोन लायबिलिटी कम बनेगी.

04 का नियम

इस फॉर्मूले में 04 का नियम कहता है कि आपने बैंक से लोन की जो रकम ली है, उसकी ईएमआई 4 साल से ज्‍यादा नहीं होनी चाहिए. कई बार लोग ईएमआई को छोटा करने के चक्‍कर में लोन की अवधि को बढ़ा लेते हैं. लेकिन लोन का टेन्‍योर बढ़ाने से आपकी ईएमआई जरूर छोटी हो जाती है लेकिन ब्‍याज काफी ज्‍यादा जाता है यानी इससे आप ही का नुकसान होता है. इसलिए लोन की अवधि कम से कम रखें. कार या कोई भी वाहन खरीदने के मामले में ये 4 साल से ज्‍यादा नहीं होना चाहिए.

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