Income Tax बचाने का सीजन शुरू हो चुका है. बुद्धिमान लोग तो इसकी प्‍लानिंग अप्रैल से ही शुरू कर देते हैं लेकिन अगर आपने इनकम टैक्‍स बचाने के उपाय अबतक नहीं किए हैं तो अब ज्‍यादा देर करना भी उचित नहीं है. जल्‍दबाजी में अक्‍सर लोग गलत निर्णय ले लेते हैं. वैसे भी नौकरीपेशा हो या बिजनेसमैन या फिर प्रोफेशनल्‍स, हर व्‍यक्ति यही चाहता है कि उसे कम से कम टैक्‍स देना पड़े. आपको यह जानकार हैरानी होगी कि आप सिर्फ बचत या निवेश के माध्‍यम से ही नहीं बल्कि खर्च के जरिए भी अपना Income Tax बचा सकते हैं. तो फिर, टैक्‍स बचाने के लिए इन्‍वेस्‍टमेंट से पहले जरा अपने खर्च का भी लेखाजोखा ले लीजिए. क्‍या पता यह आपके लिए बड़ा मददगार साबित हो.

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क्‍या आपने अपना या अपने परिवार के सदस्‍यों की गंभीर बीमारियों का इलाज करवाया है?

आप या आपके परिवार का कोई सदस्‍य जो आर्थिक रूप से आप पर निर्भर है और गंभीर बीमारी से पीडि़त है तो उसके इलाज पर होने वाले खर्च का दावा आप आयकर अधिनियम की धारा 80DDB के तहत कर सकते हैं. कटौती का यह दावा पति या पत्‍नी, बच्‍चे, माता-पिता या भाई-बहनों के लिए किया जा सकता है. ध्‍यान रहे, इस धारा के तहत सिर्फ निवासी भारतीय ही टैक्‍स में कटौती का दावा कर सकते हैं. taxguru.in के अनुसार, एसेसमेंट वर्ष 2019-20 के लिए आप इलाज पर होने वाले वास्तविक खर्च या 40,000 रुपये, जो भी कम हो, का दावा कर सकते हैं. वरिष्‍ठ नागरिकों की गंभीर बीमारियों के इलाज पर खर्च की सीमा 1,00,000 रुपए और 80 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों के लिए इसकी सीमा 1,00,000 रुपये है.

ये बीमारियां होती हैं कवर : डिमेंशिया, डायस्‍टोनिया मस्‍कुलोरम डिफॉरमेंस, मोटर न्‍यूरॉन डिजीज, एटैक्सिया, कोरिया, हेमिबैलिस्‍मस, एफैशिया, पार्किसंस डिजीज, मैलिग्‍नैंट कैंसर, फुल ब्‍लोन एड्स, क्रॉनिक रेनल फेल्‍योर, हेमोफीलिया और थैलेसीमिया.

बच्‍चों की स्‍कूल फीस पर हुआ खर्च

लाइफ इंश्‍योरेंस लेने, PPF में इन्‍वेस्‍ट करने या टैक्‍स सेविंग एफडी लेने से पहले ज्‍यादातर लोग यह भूल जाते हें जिन प्राइवेट स्‍कूलों में वे अपने बच्‍चों की पढ़ाई करवा रहे हैं, उसके ट्यूशन फीस के भुगतान पर भी आयकर अधिनियम की धारा 80C के तहत कटौती का लाभ मिलता है. यह लाभ दो बच्‍चों तक के लिए सीमित होता है. इसकी सीमा 1.5 लाख रुपये है. अगर आपके बच्‍चे पढ़ाई करते हैं तो सबसे पहले उनकी सालाना फीस जोड़ कर देख लें कि यह 1.5 लाख रुपये से कितना कम है. शेष राशि का निवेश आप बचत या खर्च के अन्‍य विकल्‍पों में कर सकते हैं.

मेडिक्‍लेम के प्रीमियम पर 50,000 रुपए तक की कटौती का लाभ

लगातार महंगे होते हॉस्पिटल के खर्च को देखते हुए हर किसी के लिए हेल्‍थ इंश्‍योरेंस लेना जरूरी है. इससे न केवल आप विपरीत परिस्थितियों में हॉस्पिटल के खर्च से बच पाते हैं बल्कि इसके प्रीमियम के भुगतान पर आपको इनकम टैक्‍स में डिडक्‍शन का लाभ भी मिलता है. अगर आप अपने और परिवार के लिए मेडिक्‍लेम लेते हैं तो 25,000 तक के प्रीमियम पर डिडक्‍शन का लाभ ले सकते हैं. अगर आप अपने माता-पिता (जिनकी उम्र 60 साल तक है) के मेडिक्‍लेम का प्रीमियम भी भरते हैं 25,000 रुपए और जोड़ लीजिए. Taxguru.in के अनुसार, अगर माता-पिता वरिष्‍ठ नागरिक हैं तो इसकी सीमा 50,000 रुपये है. अगर टैक्‍सपेयर और उसके उसके माता-पिता दोनों सीनियर सिटिजन हैं तो वे 1,00,000 रुपये तक की बचत कर सकते हैं. उदाहरण के तौर पर रोहन की उम्र 62 साल है उनके माता-पिता की उम्र 87 साल है तो वह धारा 80D के तहत 1,00,00 रुपये तक बचा सकते हैं.