इन Mutual Funds ने एक साल में दिया 30% से ज्यादा रिटर्न, क्या आपको करना चाहिए यहां निवेश?
शेयर बाजार के भारी उतार-चढ़ाव के बीच भी कुछ Mutual Funds ने एक साल में 30% से ज्यादा का रिटर्न दिया है
शेयर बाजार में पिछले कुछ महीने से चल रहे भारी उतार-चढ़ाव के बीच कुछ इक्विटी म्युचुअल फंडों ने निवेशकों की झोली भर दी है. कुछ म्युचुअल फंडों ने तो एक साल की अवधि में 30 फीसदी से ज्यादा का रिटर्न दिया है. हालांकि, इसी दौरान कुछ इक्विटी म्युचुअल फंड ऐसे भी रहे जिन्होंने निवेशकों को 30% से ज्यादा का नुकसान भी करवाया है. सही समय पर जिन निवेशकों ने हवा के रुख को समझ लिया उन्होंने चांदी काटी है.
ये है 30% से अधिक रिटर्न देने वाले इक्विटी म्युचुअल फंड
एक साल की अवधि में टाटा डिजिटल इंडिया फंड ने 37.68% कर रिटर्न दिया है. मतलब, अगर आपने 100 रुपये का निवेश एक साल पहले किया होता तो वह अबतक 137.68 रुपये हो गया होता. दूसरा, फंड है आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल टेक्नोलॉजी फंड. इस फंड ने भी एक साल की अवधि में 36.35 फीसदी का रिटर्न दिया है. दोनों ही फंड सेक्टोरल म्युचुअल फंड हैं और इन्होंने टेक्नोलॉजी सेक्टर में ज्यादा निवेश किया हुआ है.
एक साल की अवधि में सबसे बेहतर रिटर्न देने वाले ये हैं टॉप 10 म्युचुअल फंड्स
(स्रोत : वैल्यू रिसर्च)
क्या आपको इन सेक्टोरल फंडों में निवेश करना चाहिए?
अब सवाल उठता है कि एक साल की अवधि के दौरान सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले इन म्युचुअल फंडों में आपको निवेश करना चाहिए? म्युचुअल फंड रिसर्च कंपनी वैल्यू रिसर्च के सीईओ धीरेंद्र कुमार कहते हैं कि सेक्टोरल फंडों में रिस्क ज्यादा होता है. कुछ साल पहले तक सबसे बेहतर रिटर्न फार्मा फंडों ने दिया था जबकि आज उनकी स्थिति ज्यादा अच्छी नहीं है. अगर कोई निवेशक परिस्थितियों को समझते हुए इनमें निवेश करता है तो संभव है वह बेहतर कमाई कर ले. हालांकि, ऐसे फंडों का परफॉरमेंस भविष्य में भी अच्छा रहेगा यह कहना मुश्किल है.
कुमार कहते हैं कि किसी भी निवेशक को कम रिस्क के साथ बेहतर रिटर्न अर्जित करने के लिए बेहतर डाइवर्सिफायड फंडों में निवेश करना चाहिए. ऐसे फंड जरूरत पड़ने पर ऐसे सेक्टर्स में अपना निवेश बढ़ाने के लिए स्वतंत्र होते हैं. यही कारण है कि वह कम जोखिम के साथ बेहतर रिटर्न अर्जित करते हैं.