Year Ender 2018: Insurance Sector में हुए ये बड़े बदलाव, ग्राहकों को मिला इसका बड़ा
Insurance Industry ने वर्ष 2018 के दौरान अपनी पैठ बढ़ाने के लि, जहां एक तरफ नई टेक्नोलॉजी को अपना साथी बनाया वहीं, दूसरी तरफ आम जनता को समझने में आसान उत्पादों को बाजार में उतारने पर जोर दिया.
Insurance Industry ने वर्ष 2018 के दौरान अपनी पैठ बढ़ाने के लि, जहां एक तरफ नई टेक्नोलॉजी को अपना साथी बनाया वहीं, दूसरी तरफ आम जनता को समझने में आसान उत्पादों को बाजार में उतारने पर जोर दिया. बीमा क्षेत्र में सुधारों को आगे बढ़ाने की दिशा में भी कई कदम उठाए गए. स्वास्थ्य बीमा क्षेत्र में HIV और दिमागी बीमारियों को बीमा पॉलिसी के दायरे में शामिल किया गया तो लंबी अवधि के लिए थर्ड पार्टी इंश्योरेंस कवर को अनिवार्य बनाया गया. सरकार की महत्वकांक्षी स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी ‘आयुष्मान भारत’ भी 2018 में शुरू हुई. माना जा रहा है कि गरीब परिवारों को पांच लाख रुपये तक का नि:शुल्क इलाज की सुविधा देने वाली इस स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी से देश के 50 करोड़ लोगों को फायदा मिलेगा.
ग्राहकों के अनुकूल लॉन्च हुए बीमा प्रोडक्ट्स
केनरा एचएसबीसी ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स लाइफ इंश्योरेंस के प्रबंध निदेशक और सीईओ अनुज माथुर ने कहा कि 2018 डिजिटलीकरण का वर्ष रहा और इस दौरान ग्राहकों के अनुकूल उत्पाद पेश किए गए. स्वास्थ्य बीमा के लिये आनलाइन पालिसी लेने का चलन तेजी से बढ़ा है वहीं कंपनियों का ध्यान ग्राहकों के लिये सरल बीमा उत्पाद लाने पर रहा. बीमा क्षेत्र के नियामक भारतीय बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (IRDAI) ने कंपनियों को नई प्रौद्योगिकी विकसित करने के लिये प्रोत्साहन देने का प्रस्ताव किया. साथ ही कंपनियों से अपने उत्पादों को ग्राहकों के अनुकूल और आकर्षक बनाने को कहा.
माथुर ने कहा कि सरकार की स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी आयुष्मान भारत देश की गरीब जनता को बीमा कवर के दायरे में लाने में अहम भूमिका निभायेगी. उन्होंने कहा कि IRDAI के प्रयासों के चलते स्वास्थ्य बीमा क्षेत्र आने वाले सालों में नई तकनीक और नए उत्पादों को देखेगा.
नियामक का जोर पारदर्शिता बढ़ाने और ग्राहकों के लाभ पर
एचडीएफसी लाइफ के कार्यकारी निदेशक सुरेश बादामी ने कहा कि नियामक क्षेत्र में पारदर्शिता बढ़ाने और ग्राहकों को लाभ पहुंचाने के लिए कदम उठा रहा है. निजी क्षेत्र ने पिछले तीन साल के दौरान लगातार बाजार हिस्सेदारी बढ़ाई है और आने वाले सालों में भी वृद्धि का रुख बना रहेगा. एक सर्वेक्षण के मुताबिक भारत में जीवन बीमा की पहुंच 3% से भी कम है जो कि दूसरे विकासशील देशों की तुलना में कम है. बादामी ने कहा कि बीमा कंपनियों अपने समक्ष आने वाली चुनौतियों से निपटने के लिए लगातार प्रयास कर रही हैं. सरकार भी उद्योग की प्रगति के लिए ठोस कदम उठा रही है.
इंश्योरेंस सेक्टर में बढ़ रहा है टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल
बजाज आलियांज लाइफ के प्रबंध निदेशक एवं सीईओ तरुण चुघ ने कहा कि ग्राहकों को सेवाएं देने में टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल लगातार बढ़ रहा है. उत्पादों की बिक्री और एजेंट के मामले में भी टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल हो रहा है. पेमेंट्स बैंक, लघु वित्त बैंक और क्षेत्र में इसी तरह की अन्य इकाइयों के आने से जीवन बीमा उत्पादों का विस्तार होगा और यह अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचेंगे.