Sovereign Gold Bond 2024-25 Series 1: बीते कुछ समय में जिस तरह से सोने के दाम तेजी से बढ़े हैं, उससे लोगों की दिलचस्‍पी सोने में बढ़ गई है. अब बड़ी संख्‍या में लोग सोने में निवेश कर रहे हैं. आज के समय में फिजिकल गोल्‍ड के अलावा भी सोने में निवेश के कई तरीके हैं. उन्‍हीं में से एक है सॉवरेन गोल्‍ड बॉन्‍ड (Sovereign Gold Bond). इसे हर साल रिजर्व बैंक जारी करता है. हर साल इसकी 4 सीरीज आती हैं, जिनमें निवेशकों को इसे खरीदने का मौका दिया जाता है.

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अगर आप भी SGB में निवेश करने के बारे में सोच रहे हैं, तो अपना पैसा तैयार रखिए क्‍योंकि जून में आपको ये मौका मिल सकता है. बता दें कि वित्‍त वर्ष 2023-24 की पहली सीरीज जून के महीने में आई थी, ऐसे में उम्‍मीद की जा रही है कि इस साल भी आरबीआई निवेशकों को जून में SGB में निवेश का मौका दे सकता है. हालांकि आरबीआई की ओर से अभी इसकी किसी तारीख की घोषणा नहीं की गई है.

बीते साल में कब-कब मिला निवेश का मौका

वित्त वर्ष 2023-24 की 4 सीरीज जून, सितंबर, दिसंबर और फरवरी में आई थीं. पहली सीरीज बीते साल 19 से जून 2023 से 23 जून 2023 के बीच आई थी, जब निवेशकों को इसमें निवेश करने का मौका मिला था. दूसरी सीरीज के लिए सब्‍सक्रिप्‍शन डेट 11 से 15 सितंबर 2023 थी, तीसरी सीरीज में 18 दिसंबर 2023 से 22 दिसंबर 2023 तक निवेश का मौका दिया गया था और वित्त वर्ष 2023-24 की चौथी और अंतिम सीरीज फरवरी 2024 में आई थी. सब्‍सक्रिप्‍शन डेट 12 से 16 फरवरी के बीच थी. ऐसे में  Sovereign Gold Bond 2024-25 Series 1 में निवेश की रुचि रखने वाले निवेशक जून 2024 में इसकी पहली सीरीज आने की उम्‍मीद कर रहे हैं.

क्‍या है SGB

फिजिकल मांग को कम करने के इरादे से सबसे पहले सरकारी गोल्ड बॉन्ड योजना योजना नवंबर 2015 में लाई गई थी. इसमें बाजार से कम कीमत पर Gold में निवेश किया जा सकता है. निवेश की सुरक्षा की गारंटी सरकार देती है. इसका इश्यू प्राइस भारतीय बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन लिमिटेड (IBJA) द्वारा, जो 999 शुद्धता वाले गोल्ड का क्लोजिंग प्राइस होगा उसके आधार पर तय किया जाता है.

क्‍या हैं SGB के फायदे

  • सॉवरेन गोल्‍ड का सबसे बड़ा फायदा तो ये है कि इसमें आपको डबल मुनाफा मिलता है. एक तो मैच्योरिटी के समय निवेशक को मार्केट रेट के हिसाब से पैसा मिलता है और दूसरा इसमें सब्सक्राइबर्स को 2.5 फीसदी का ब्याज भी ऑफर किया जाता है.
  • फिजिकल गोल्‍ड खरीदने पर आपको उसकी सु‍रक्षा की फिक्र करनी होती है, लेकिन SGB में सिक्‍योरिटी की कोई टेंशन नहीं रहती.
  • मिलने वाले रिटर्न पर भी लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस टैक्स नहीं लगता है. इसके अलावा ये GST के दायरे में नहीं आता है, फिजिकल गोल्ड पर 3% GST लगता है.
  • अगर निवेशक ऑनलाइन पेमेंट के जरिए सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड खरीदते हैं तो उन्हें 50 रुपए प्रति ग्राम का डिस्काउंट मिलता है.
  • इसमें लोन का भी विकल्‍प मिलता है. ऐसे में निवेशक सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड को कोलैटरल के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं.

कहां से खरीद सकते हैं

- बैंकों से ऑनलाइन और ऑफलाइन खरीद सकते हैं

- आप इसे पोस्ट ऑफिस से भी खरीद सकते हैं.

- स्टॉक होल्डिंग कॉर्पोरेशन के जरिए खरीदा जा सकता है.

- BSE, NSE के प्लेटफॉर्म से भी खरीदने का विकल्प है.

कितना गोल्‍ड खरीद सकते हैं

कोई भी व्‍यक्ति SGB के जरिए एक फाइनेंशियल ईयर में कम से कम 1 ग्राम और ज्‍यादा से ज्‍यादा 4 किलो सोने में निवेश कर सकता है. गोल्‍ड बॉन्ड की अवधि बॉन्‍ड के जारी होने की तिथि से 8 वर्ष की होती है. हालांकि 5 साल बाद प्री-मैच्योर रिडम्पशन किया जा सकता है. आप सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड, बैंक, स्टॉक होल्डिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (एसएचसीआईएल),पोस्ट ऑफिस और स्टॉक एक्सचेंज यानी बीएसई और एनएसई पर बेच सकते हैं