आज के समय में गाड़ी के बिना किसी का काम नहीं चलता. लेकिन एक सामान्‍य सी नई कार भी खरीदनी हो तो कम से कम 5 से 8 लाख के बीच अपना बजट रखना पड़ता है. ये हर किसी के लिए मु‍मकिन नहीं होता है. ऐसे में तमाम लोग Second Hand कार खरीदने का ऑप्‍शन चुनते हैं. इससे उनकी कार की जरूरत भी पूरी हो जाती है और उनका बजट भी गड़बड़ नहीं होता है. लेकिन सेकंड हैंड गाड़ी खरीदते समय काफी सावधानी बरतने की जरूरत होती है. अगर आप भी आने वाले समय में सेकंड हैंड गाड़ी खरीदने की योजना बना रहे हैं, तो यहां जान लीजिए कुछ टिप्‍स, ताकि बाद में आपको कोई पछतावा न हो.

गाड़‍ियों के कलेक्‍शन से इंप्रेस न हों

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जब भी हम कहीं से सेकंड हैंड कार खरीदते हैं तो डीलर के पास ढेर सारी कार देखकर समझते हैं कि ये डीलर काफी अच्‍छा होगा. लेकिन कार के कलेक्‍शन होने का ये मतलब नहीं है कि डीलर अच्‍छा ही होगा. डीलर का काम ही पुरानी गाड़‍ियां बेचना है. ऐसे में वो किसी भी तरह की गाड़ी अपने पास रख लेते हैं और गाड़ियों का रंग-रोगन करवा कर उन्‍हें डिस्‍प्‍ले कर देते हैं. कलेक्‍शन के झांसे में न फंसें. सेकंड हैंड गाड़ी खरीदनी ही है तेा या तो किसी परिचित की खरीद लें. या किसी ऐसे डीलर के पास जाएं, जिस पर भले ही कलेक्‍शन कम हो, लेकिन अच्‍छा स्‍टॉक हो.

हमेशा ऑफलाइन डील करें

सेकंड हैंड गाड़ी को ऑनलाइन खरीदने से बचें. ऑफलाइन को प्राथमिकता दें. ऑनलाइन में आप ठगी का शिकार भी हो सकते हैं. बेहतर होगा अगर आप एक टेस्ट ड्राइव लें और गाड़ी के फीचर्स को अच्‍छी तरह से चेक करें. इंजन ऑयल चेक कर लें कि है या नहीं. अगर आप बिना इंजन ऑयल के गाड़ी चला देते हैं, तो इससे इंजन सीज हो सकता है.

इंजन ध्‍यान से चेक करें

अगर आप सेकंड हैंड कार खरीद रहे हैं, तो सिर्फ बाहर से उसकी स्थिति को देखकर इंप्रेस न हों, कार के इंजन को खासतौर पर चेक करें. आप चाहें तो इसके लिए अपने साथ किसी मैकेनिक को ले जा सकते हैं और कार को चेक करवा सकते हैं. इसके अलावा आपका कोई खास और विश्‍वसनीय व्‍यक्ति जानकार हो, तो उसकी मदद लें. अगर आपने गाड़ी खरीदते समय इंजन पर ध्‍यान नहीं दिया, तो भविष्‍य में आपको इसके लिए अच्‍छा खासा पैसा खर्च करना पड़ सकता है.

गाड़ी के पेपर्स जरूर ध्‍यान से देखें

गाड़ी के पेपर्स सबसे अहम चीज हैं. गाड़ी खरीदते समय आरसी, पीओसी और इंश्योरेंस जैसे पेपर्स जरूर चेक करें. आरसी गाड़ी का सबसे जरूरी दस्तावेज है या कह सकते हैं इस पर गाड़ी की पूरी कुंडली होती है. गाड़ी कब बनी, कब रजिस्टर्ड हुई, मॉडल नंबर, चेसिस नंबर, कलर, बॉडी टाइप सब कुछ इस कार्ड पर होता है. अगर गाड़ी 15 साल पुरानी है, तो इसे बिल्‍कुल न खरीदें. इसके अलावा ये देख लें कि गाड़ी पर कोई लोन तो नहीं चल रहा है. अगर RC पर बैंक का नाम लिखा है, तो सबसे पहले कार बेचने वाले से बैंक की NOC जरूर ले लें वरना गाड़ी ट्रांसफर कराने में दिक्कत आएगी. 

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