SBI Home Loan: फिर महंगा हुआ कर्ज, चेक करें 15 साल के लिए 20 लाख के लोन की कितनी बढ़ जाएगी EMI
SBI home loan: बैंक की वेबसाइट के मुताबिक, SBI अपना EBLR (एक्सटर्नल बेंचमार्क लेंडिंग रेट्स) बढ़ाकर मिनिमम 7.55 फीसदी कर दिया है, जो पहले 7.05 फीसदी था. नई दरें 15 जून 2022 से लागू हो गईं.
SBI home loan: देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने होम लोन (sbi home loan) की मिनिमम ब्याज दर 0.50 फीसदी बढ़ाकर 7.55 फीसदी कर दी है. रिजर्व बैंक (RBI) की ओर से पिछले हफ्ते रेपो रेट में 0.50 फीसदी की बढ़ोतरी के बाद कॉमर्शियल बैंक ने होम लोन महंगा किया है. इससे पहले मई में भी RBI ने रेपो रेट में 40 बेसिस प्वाइंट का इजाफा किया है. बैंक की वेबसाइट के मुताबिक, SBI अपना EBLR (एक्सटर्नल बेंचमार्क लेंडिंग रेट्स) बढ़ाकर मिनिमम 7.55 फीसदी कर दिया है, जो पहले 7.05 फीसदी था. नई दरें 15 जून 2022 से लागू हो गईं. EBLR वह लेडिंग रेट है, जिससे कम पर बैंक होम लोन नहीं दे सकता है. इसके अलावा, बैंक ने मार्जिनल कॉस्ट लेंडिंग रेट्स (MCLR) में भी 20 बेसिस प्वाइंट का इजाफा किया है. एमसीएलआर की संसोधित दरें भी 15 जून से लागू हो गईं.
Home Loan EMI Calculator से जानते हैं कि अगर आपने 15 साल के लिए 20 लाख रुपये का लोन लिया है, तो आपकी ब्याज दरें बढ़ने के बाद आपके लोन की EMI कितनी बढ़ जाएगी.
SBI Home Loan: दरें बढ़ने से पहले EMI
लोन अमाउंट: 20 लाख रुपये
लोन टेन्योर: 15 साल
ब्याज दर: 7.05% सालाना
EMI: 18033 रुपये
कुल टेन्योर में ब्याज: 1,245,853 रुपये
कुल पेमेंट: 3,245,853 रुपये
SBI Home Loan: दरें बढ़ने के बाद EMI
लोन अमाउंट: 20 लाख रुपये
लोन टेन्योर: 15 साल
ब्याज दर: 7.55% सालाना (0.50% बढ़ने के बाद रेट)
EMI: 18597 रुपये
कुल टेन्योर में ब्याज: 1,347,481 रुपये
कुल पेमेंट: 3,347,481 रुपये
(नोट: यह कैलकुलेशन SBI होम लोन EMI कैलकुलेटर पर आधारित है.)
एक्सटर्नल बेंचमार्क से लिंक्ड है नए होम लोन
रिजर्व बैंक के नियमों के मुताबिक, अब बैंकों के होम लोन मार्जिनल कॉस्ट लेडिंग रेट (MCLR) और रेपो लिंक्ड लेडिंग रेट (RLLR) से लिंक्ड होते हैं. 2019 में आरबीआई ने सभी बैंकों को कहा था कि वे नए होम लोन को एक्सटर्नल बेंचमार्क से लिंक करें, क्योंकि बैंक रिजर्व बैंक के रेपो रेट घटाने का पूरा फायदा ग्राहकों को नहीं दे रहे थे. बता दें, कोरोना महामारी के दौरान रिजर्व बैंक ने डिमांड और ग्रोथ को बनाए रखने के लिए ब्याज दरों में 115 बेसिस प्वाइंट (मार्च 2020 में 0.75 फीसदी और मई 2020 में 0.40 फीसदी) की बड़ी कटौती की थी.
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