1 सिंतबर से नौकरी करने वालों की आएगी मौज! लागू होगा सैलरी का नया नियम, टैक्स रेट में भी बदलाव, जानें सबकुछ
Salary Rules from 1st September: सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्स (CBDT) ने नया नियम लागू किया है. बोर्ड ने Perquisite Valuation (अनुलाभ मूल्यांकन) की लिमिट तय कर दी है. इस लिमिट को पहले के मुकाबले कम किया गया है.
Salary Rules: नया महीना शुरू होने जा रहा है. 1 सितंबर से कई चीजों में बदलाव दिखेगा. लेकिन, सबसे बड़ा बदलाव नौकरीपेशा की जिंदगी में होगा. 1 सितंबर से नौकरी करने वालों की मौज आने वाली है. दरअसल, उनकी सैलरी के नियमों में बदलाव हुआ है. इस बदलाव के बाद हाथ में ज्यादा सैलरी आएगी. ये उन कर्मचारियों पर लागू होगा, जिनको एम्प्लॉयर की तरफ से रहने के लिए घर मिला है और उनकी सैलरी से कुछ डिडक्शन होता है.
दरअसल, सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्स (CBDT) ने नया नियम लागू किया है. बोर्ड ने Perquisite Valuation (अनुलाभ मूल्यांकन) की लिमिट तय कर दी है. इस लिमिट को पहले के मुकाबले कम किया गया है. Perquisite Valuation को आसानी से समझें तो इसका मतलब है कि जिन कर्मचारियों को ऑफिस से मिले घर के बदले सैलरी में होने वाली टैक्स कटौती. सीबीडीटी ने वैल्यूएशन से जुड़े नियमों में छूट दी है.
CBDT के नोटिफिकेशन के मुताबिक, अब ऑफिस की तरफ से मिले घर के बदले सैलरी में होने वाली टैक्स कटौती कम होगी. इसका सीधा असर आपकी सैलरी पर दिखेगा. कम टैक्स होने से हाथ में मिलने वाली सैलरी ज्यादा आएगी. इस नियम को 1 सितंबर से लागू किया गया है. मतलब अगले महीने की सैलरी में कुछ पैसा ज्यादा आएगा.
टैक्स को लेकर क्या हैं नियम?
Perquisite नियम वहां लागू होता है, जहां कंपनी की तरफ से कर्मचारी को रेजिडेंशियल अकोमोडेशन दी गई हो. कंपनी अपने कर्मचारी को बिना रेंटल ये घर रहने के लिए देती है. लेकिन, इसे इनकम टैक्स के Perquisite नियमों के तहत किया जाता है. इसमें किराया तो नहीं दिया जाता लेकिन, कर्मचारी की सैलरी से कुछ हिस्सा टैक्स में काटा जाता है. इस कटौती के लिए ही Perquisite Valuation की लिमिट तय होती है. इसे सैलरी में जोड़ा जाता है और फिर टैक्स कैलकुलेशन में शामिल किया जाता है. इसे शहरों की जनसंख्या के आधार पर तय किया जाता है.
क्या-क्या हुआ बदलाव?
शहरों और जनसंख्या का वर्गीकरण और सीमाएँ अब 2001 की जनगणना के बजाय 2011 की जनगणना पर आधारित हैं. संशोधित जनसंख्या सीमा 25 लाख के स्थान पर 40 लाख और 10 लाख के स्थान पर 15 लाख की गई है. संशोधित नियमों ने perquisite दरों को पहले वेतन के 15%, 10% और 7.5% से घटाकर वेतन का 10%, 7.5% और 5% कर दिया है.
पहले कैटेगरी और रेट्स | अब नई कैटेगरी और रेट्स | ||
जनसंख्या | टैक्स रेट (Perquisite) | जनसंख्या | टैक्स रेट (Perquisite) |
More than 25 lakh | 15% | More than 40 lakh | 10% |
Between 10 lakh and 25 lakh | 10% | Between 15 lakh and 40 lakh | 7.5% |
Less than 10 lakh | 7.5% | Less than 15 lakh | 5% |
केंद्र और राज्य कर्मचारी भी होंगे शामिल
CBDT ने Perquisite Valuation की लिमिट को पहले के मुकाबले रिवाइज करके कम कर दिया है. मतलब अब कर्मचारियों को घर के बदले सैलरी में Perquisite Valuation कम हो जाएगी. नोटिफिकेशन के मुताबिक, इसमें केंद्र, राज्य और कोई भी ऐसे कर्मचारी शामिल होंगे, जिन्हें कंपनी की तरफ से रेजिंडेशियल प्रॉपर्टी रहने के लिए दी जाती है और इस प्रॉपर्टी पर मालिकाना हक कंपनी का होता है.
आपको कैसे मिलेगा फायदा?
अगर आप भी कंपनी की तरफ से मिले घर में रहते हैं और रेंट नहीं देते हैं तो ये नियम आपके लिए फायदेमंद होगा. Perquisite Valuation की लिमिट कम होने से अब टैक्स की लायबिलिटी कम होगी. सैलरी से पहले के मुकाबले कम टैक्स कटेगा और इन हैंड सैलरी ज्यादा हो जाएगी.
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