PAN-Aadhaar for transaction: सरकार ने एक कारोबारी साल में ₹20 लाख रुपये से ज्यादा रकम जमा करने या निकालने के लिए आधार या पैन नंबर अनिवार्य कर दिया है. वहीं चालू खाता खोलने के लिए आधार या परमानेंट अकाउंट नंबर (PAN) को अनिवार्य कर दिया गया है. केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने एक नोटिफिकेशन में कहा कि एक वित्त वर्ष में बैंकों से बड़ी राशि का लेनदेन करने के लिए पैन नंबर की जानकारी देना या बायोमीट्रिक आधार अनिवार्य होगा. इसके अलावा किसी बैंक या डाकघर में चालू खाता या कैश क्रेडिट खाता खोलने के लिए भी यह जरूरी होगा. 

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सहकारी समितियों के लिए भी हुआ जरूरी

एकेएम ग्लोबल के टैक्स पार्टनर संदीप सहगल ने इस कदम से फाइनेंशियल ट्रांजैक्शन में ज्यादा पारदर्शिता आने की उम्मीद जताई. उन्होंने कहा कि इसकी वजह से बैंक, पोस्ट ऑफिस या सहकारी समितियों को एक वित्त वर्ष में 20 लाख रुपये से अधिक के लेनदेन की जानकारी देना अनिवार्य होगा. सहगल ने कहा, ‘‘इससे वित्तीय प्रणाली में नकदी के ट्रांजैक्शन पर नजर रखने में सरकार को मदद मिलेगी. इससे संदिग्ध नकद जमा एवं निकासी से जुड़ी प्रक्रिया में सख्ती आएगी.’’ फिलहाल इनकम टैक्स से जुड़े काम के लिए आधार या पैन का इस्तेमाल होता है.

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लेनदेन पर नजर रखना होगा आसान

इनकम टैक्स से जुड़े सभी तरह के कामकाज में पैन नंबर देना जरूरी होता है. लेकिन बड़ी नकद राशि के लेनदेन के समय अगर किसी व्यक्ति के पास पैन नहीं है तो वह आधार का इस्तेमाल कर सकता है. नियमों के मुताबिक, अगर किसी व्यक्ति को पैन की जानकारी देने की जरूरत है, लेकिन उसके पास पैन नहीं है तो वह आधार की बायोमीट्रिक पहचान दे सकता है. नांगिया एंड कंपनी के पार्टनर शैलेश कुमार ने कहा कि लेनदेन के समय पैन नंबर दिए जाने के बाद कर अधिकारियों के लिए ट्रांजैक्शन पर नजर रख पाना आसान हो जाएगा.