इस सरकारी स्कीम में बेहतर इंट्रस्ट रेट के साथ मिलेगी टैक्स छूट, जानिए बेनिफिट्स से लेकर सबकुछ
Post office National Savings Certificates: आप भी कम पैसों के साथ इन्वेस्टमेंट शुरू कर पैसे से पैसा बना सकते हैं. एनएससी में निवेश पर फिलहाल 6.8 प्रतिशत ब्याज मिल रहा है. इस निवेश स्कीम में पांच साल का लॉक इन होता है.
Post office National Savings Certificates: अगर आप भी पैसे से पैसा बनाना चाहते हैं, तो आप सही जगह हैं. हम आपके लिए पोस्ट ऑफिस की इन्वेस्ट करने पर पैसे से पैसा बनाने वाली स्कीम लेकर आए हैं. इस स्कीम में आपको निवेश का बेस्ट ऑप्शन मिलता है. NSC में अगर आप 1000 रुपये इन्वेस्ट करते हैं तो रिटर्न के साथ आपको 1389.49 रुपये प्रदान करती है. आइए जानते हैं टैक्स छूट से लेकर रिटर्न तक कई फायदे.
यह भारत सरकार की एक स्मॉल सेविंग स्कीम है जिसमें आप भी पैसा लगा सकते हैं. एनएससी में निवेश पर फिलहाल 6.8 प्रतिशत ब्याज मिल रहा है. इस निवेश स्कीम में पांच साल का लॉक इन होता है. आपको इसमें रिटर्न की गारंटी मिलती है. इतना ही नहीं नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट्स में निवेश पर आप इनकम टैक्स (Income Tax) छूट का भी फायदा ले सकते हैं. एनएससी में निवेश के समय ब्याज दर पूरे मेच्योरिटी पीरियड तक के लिए एक ही रहती है.
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कम से कम 1000 रुपये का निवेश
नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट्स में कम से कम 1000 रुपये से निवेश की शुरुआत की जा सकती है. हालांकि, निवेश की कोई मैक्सिमम लिमिट नहीं है. इसमें हर साल निवेशक को ब्याज का पेमेंट नहीं किया जाता है, लेकिन यह जमा हो जाता है. इसमें आप 100 के मल्टीपल में चाहे कितनी भी राशि निवेश कर सकते हैं.
इनकम टैक्स में इतना छूट
एनएससी (National Savings Certificates) में निवेश पर इनकम टैक्स की धारा 80सी के तहत हर साल 1.5 लाख रुपये तक का टैक्स छूट ले सकते हैं. टैक्सेबल इनकम होने पर कुल इनकम में से राशि काट ली जाती है. इनकम टैक्स के मामले में एनएससी पर सालाना हासिल ब्याज को निवेशक की तरफ से दोबारा निवेश माना जाता है और वह 1.5 लाख की कुल सीमा के भीतर धारा 80C के तहत टैक्स कटौती के योग्य हो जाता है.
इस राशि का नहीं होगा फिर से निवेश
अगर आपने एनएससी में निवेश किया है तो मेच्योरिटी के पांचवें साल या आखिरी साल में राशि का दोबारा निवेश नहीं किया जा सकता है. फाइनल ईयर में एनएससी (National Savings Certificates) से मिले ब्याज अमाउंट को सर्टिफिकेट होल्डर के इनकम में जोड़ दिया जाता है और उसके मुताबिक टैक्स लागू होता है. एनएससी के बेस पर आप लोन ले सकते हैं.