SGB: गोल्ड बॉन्ड से जुड़ी शिकायतों का तुरंत होगा निपटारा, RBI से ऐसे करें कम्प्लेन
Written By: ज़ीबिज़ वेब टीम
Fri, Sep 10, 2021 07:25 PM IST
Sovereign Gold Bond: सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGB) में निवेश को लेकर अगर कोई शिकायत है, तो उसका समाधान अब तेजी से होगा. रिजर्व बैंक (RBI) ने इसको लेकर अहम कदम उठाया है. RBI ने कहा है कि उसने सॉवरेन गोल्ड बांड से जुड़ी निवेशकों की शिकायतों के समाधान के लिए प्रॉसेस को आसान और प्रभावी किया है. RBI ने कहा है कि अलग-अलग लेवल पर शिकायत की जा सकती है. आइए डिटेल जानते हैं...
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पहला: RO के नोडल अधिकारी से शिकायत
रिजर्व बैंक के मुताबिक, सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड से जुड़ी शिकायत का पहला लेवल रिसिविंग ऑफिस (RO) का नोडल अफसर होगा. सबसे पहले यहां निवेशक अपने सवाल या शिकायतों के लिए संपर्क कर सकते हैं. रिसिविंग ऑफिस से मतलब बैंकों, स्टॉक होल्डिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लि. (SCHIL), डेजिग्नेटेड पोस्ट ऑफिस और रिकग्नाइजड स्टॉक एक्सचेंज (NSE और BSE) से है.
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दूसरा: खास मैट्रिक्स का होगा इस्तेमाल
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तीसरा: सीधे RBI से करें शिकायत
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SGB: 2015 में शुरू हुई स्कीम
सॉवरेन गोल्ड बांड स्कीम नवंबर, 2015 में शुरू हुई थी. इसका मकसद सोने की फिजिकल डिमांड में कमी लाना और इसकी खरीद में इस्तेमाल होने वाली घरेलू सेविंग्स को फाइनेंशियल सेविंग्स में कन्वर्ट करना था. गोल्ड बॉन्ड की कीमत भारतीय रुपये में घरेलू बुलियन मार्केट में प्योर गोलड के एवरेज रेट के आधार पर तय होती है. इसमें सब्सक्रिप्शन खुलने के पहले के तीन ट्रेडिंग सेशन की कीमत ली जाती है.
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SGB: 1 ग्राम में भी निवेश
सॉवरेन गोल्ड बांड में हरेक फाइनेंशियल ईयर में मिनिमम एक ग्राम सोने के लिए निवेश किया जा सकता है. गोल्ड बॉन्ड की मैच्योरिटी 5 साल होती है. हालांकि इसमें 5 साल पूरे होने के बाद एग्जिट का ऑप्शन निवेशक को मिलता है. अगर आपने SGB को मैच्योरिटी तक बनाए रखा, तो आपको निवेश पर कोई कैपिटल गेन टैक्स नहीं देना होगा. वहीं, आपको 2.5 फीसदी सालाना ब्याज मिलेगा, जिसका भुगतान हर छह महीने पर किया जाएगा.
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