ऐसा लोन जिस पर न लगेगी प्रोसेसिंग फीस और न लिया जाएगा प्रीपेमेंट चार्ज, फीचर्स जानेंगे तो Personal Loan भूल जाएंगे
Written By: सुचिता मिश्रा
Thu, Dec 26, 2024 08:08 AM IST
इमरजेंसी में पैसों की जरूरत हो तो आप या तो क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करते हैं, किसी से पैसा उधार लेते हैं या फिर पर्सनल लोन के ऑप्शन पर जाते हैं. लेकिन अगर आपके पास बैंक में सेविंग्स अकाउंट है तो बैंक से आपको एक ऐसी सर्विस मिल जाती है जिसके जरिए आपके पैसों का इंतजाम भी आसानी से हो जाता है और इसके बदले आपसे किसी तरह की प्रोसेसिंग फीस भी नहीं ली जाती. फीचर्स के मामले में ये सुविधा पर्सनल लोन (Personal Loan) से कई मायनों में बेहतर साबित हो सकती है. जानिए इसके बारे में.
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समझिए क्या है ये ऑप्शन
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क्या होता है OD
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कैसे तय होती है अमाउंट की लिमिट
ओवरड्राफ्ट फैसिलिटी के तहत मिलने वाले अमाउंट की लिमिट क्या रहेगी, ये बैंक तय करते हैं. आमतौर पर सैलरी अकाउंट पर अगर आप ओवरड्राफ्ट फैसिलिटी लेते हैं, तो आपको सैलरी की दोगुनी या तिगुनी रकम लोन के तौर पर मिल सकती है. लेकिन सैलरी अकाउंट पर ओवरड्राफ्ट की सुविधा वो ही बैंक दे सकता है, जिसमें आपका अकाउंट ओपन हो.
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पर्सनल लोन Vs ओवरड्राफ्ट फैसिलिटी
आमतौर पर जब आप पर्सनल लोन लेते हैं तो जितनी राशि का अप्रूवल मिलता है, उस पूरी राशि पर ब्याज कैलकुलेट किया जाता है. लेकिन ओवरड्राफ्ट लोन में ऐसा नहीं होता. इसमें बैंक से अप्रूव की हुई पूरी राशि पर ब्याज नहीं देना होता. आप अपने अकाउंट से जितना अमाउंट निकालकर यूज करते हैं, सिर्फ उतने अमाउंट पर ही आपको ब्याज चुकाना पड़ता है.
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उदाहरण से समझिए
मान लीजिए कि अगर ओवरड्राफ्ट फैसिलिटी के तहत मिलने वाले अमाउंट की लिमिट बैंक की ओर से दो लाख तय की गई है और आपने सिर्फ एक लाख रुपए ही इस्तेमाल किए हैं, तो ब्याज सिर्फ एक लाख पर ही लगेगा. लेकिन अगर आपने 2 लाख का पर्सनल लोन लिया है तो आपको पूरे 2 लाख के हिसाब से ही इस पर ब्याज देना होगा. इसके अलावा OD में जितने समय के लिए अमाउंट आपके पास होता है, ब्याज भी सिर्फ उतने समय तक ही लगता है. मतलब आप जितनी जल्दी लोन चुकाएंगे, उतनी जल्दी किस्त के झंझट से मुक्ति पाएंगे.
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प्रोसेसिंग फीस नहीं देनी होती
OD में आपको लोन लेने के लिए प्रोसेसिंग फीस वगैरह नहीं देनी होती. जबकि पर्सनल लोन या किसी अन्य लोन में प्रोसेसिंग फीस भी देनी होती है. इसके अलावा ओवरड्राफ्ट का एक फायदा ये है कि लोन जल्दी चुकाने के लिए आपको प्रीपेमेंट चार्ज वगैरह नहीं देना होता है. जबकि पर्सनल लोन निश्चित समय से पहले क्लोज नहीं कर सकते. अगर आप ऐसा करते हैं, तो आपको उसके लिए प्रीपेमेंट चार्ज देना पड़ता है.
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