Home Loan बैलेंस ट्रांसफर का ऑप्शन कब चुनें? जान लीजिए ये जरूरी बातें
Written By: ज़ीबिज़ वेब टीम
Thu, Sep 02, 2021 02:02 PM IST
Home loan balance transfer: आज के समय में बैंकों और NBFC की होम लोन स्कीम्स (Home Loan schemes) लाखों होम बॉयर्स के 'ड्रीम हाउस' को हकीकत बना रहे हैं. होम लोन एक लॉन्ग टर्म का कर्ज होता है, इसमें कस्टमर को हर महीने एक फिक्स EMI बतौर रिपेमेंट करनी होती है. अब इसमें एक अहम बात यह है कि अगर आपका बैंक होम लोन पर ज्यादा ब्याज वसूल रहा है या कई बार अलग-अलग तरह के चार्जेज वसूल रहा है, तो आप अपना होम लोन बैलेंस दूसरे बैंक में ट्रांसफर करा सकते हैं. हालांकि, होम लोन बैलेंस ट्रांसफर कब करना चाहिए, इसका कैसे फायदा कस्टमर को होता है.. इसकी जानकारी कर लेनी चाहिए.आइए जानते हैं कुछ डीटेल...
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कब करें होम लोन बैलेंस ट्रांसफर
अमूमन होम लोन बैलेंस ट्रांसफर एक बेहतर डील और EMI/ब्याज का बोझ कम करने के लिए किया जाता है. अगर आपका बैंक होम लोन पर ज्यादा ब्याज ले रहा है और उसमें आपको रियायत देने को तैयार नहीं है तो आप बैलेंस ट्रांसफर कर सकते हैं. होम लोन के शुरुआती दौर में ईएमआई में ब्याज का हिस्सा ज्यादा और प्रिंसिपल अमाउंट का कम रहता है. इसलिए सस्ती ब्याज दरों का ऑप्शन चुनना बेहतर रहता है. मौजूदा दौर में कई बैंक 6.70 फीसदी के शुरुआती रेट पर होम लोन ऑफर कर रहे हैं.
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EMI घटेगी, रिपेमेंट होगा आसान
होम लोन बैलेंस ट्रांसफर के कई फायदे मिल सकते हैं. इसमें आप सस्ती दरों पर बैलेंस ट्रांसफर करते हैं. इससे आप पर EMI का बोझ कम होता है. लोन रिपेमेंट टेन्योर भी कम हो जाता है. इससे ब्याज की सेविंग होगी. वहीं, होम लोन बैलेंस ट्रांसफर में आप प्री-पेमेंट या फोरक्लोजर के सहूलियत भी अच्छी तरह जान लेते हैं. इससे रिपेमेंट आसान हो जाता है.
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इन सुविधाओं का रखें ध्यान
आज के समय में अधिकांश कम्प्लांयस डिजिटल हो रहे हैं. ऐसे में लगभग सभी बैंक और एनबीएफसी ऑनलाइन अप्लीकेशन का ऑप्शन कस्टमर्स को देते हैं. ऐसे में होम लोन बैलेंस ट्रांसफर करने से पहले टॉप-अप अमाउंट, फ्लैक्सिबल रिपेमेंट टेन्योर, डोर स्टेप सर्विस, फोर क्लोजर या पार्ट पेमेंट चार्जेंज की जानकारी जरूर कर लें.
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