फर्जी इंश्योरेंस क्लेम पर लगेगी लगाम, IRDAI की निगरानी में तैयार हो रहा नया हेल्थ इंश्योरेंस पोर्टल
New Health Insurance Portal: एक नया हेल्थ इंश्योरेंस पोर्टल तैयार किया जा रहा है, जहां पर सभी तरह के हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी और क्लेम की जानकारी मिलेगी.
New Health Insurance Portal: इंश्योरेंस रेगुलेटर IRDAI अपने ग्राहकों को और सहूलियत देने के लिए एक नए हेल्थ इंश्योरेंस पोर्टल पर काम कर रहा है. बता दें कि IRDAI की निगरानी में एक नया हेल्थ इंश्योरेंस पोर्टल तैयार किया जा रहा है, जहां पर सभी तरह के हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी और क्लेम की जानकारी मिलेगी. मरीजों और हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियों की हमेशा से अस्पतालों की ओवरचार्जिंग को लेकर शिकायत रहती है. हालांकि इस पर अभी तक कोई समाधान नहीं बना है. लेकिन अब ग्राहकों को राहत देने के लिए IRDAI एक हेल्थ इंश्योरेंस पोर्टल को तैयार कर रहा है.
पोर्टल के जरिए ही होगा क्लेम
ज़ी बिजनेस को मिली जानकारी के मुताबिक, हॉस्पिटल की ओर से सूचित किया गया क्लेम इंश्योरेंस कंपनी या TPA यानी कि थर्ड पार्टी एडमिनिस्ट्रेटर को इसी पोर्टल के जरिए ही हो जाएगा. इसके अलावा क्लेम सेटलमेंट की जानकारी भी इसी पोर्टल में दी गई होगी.
फर्जी इंश्योरेंस क्लेम पर लगेगी लगाम
ऐसा बताया जा रहा है कि नए हेल्थ इंश्योरेंस पोर्टल के जरिए फर्जी इंश्योरेंस क्लेम जैसी समस्याओं से निजात मिलेगा. नए पोर्टल से फर्जी क्लेम को पकड़ने में मदद मिलेगी और एक अस्पताल के एक जैसे ट्रिटमेंट पर अलग-अलग चार्जेस का भी पता लगेगा.
इसके अलावा अस्पताल की ओर से लिए जा रहे है ज्यादा चार्ज के बारे में भी इस नए पोर्टल के जरिए पता चल जाएगा. वहीं जितने फर्जी क्लेम कम होंगे, उतना ही हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम में भी कमी आएगी. इससे पहले महीने की शुरुआत में IRDAI जनरल और हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियों को फटकार लगा चुका है कि अपना खर्चा कम करें और पॉलिसी होल्डर को प्रीमियम में राहत दें.
खर्चों की लिमिट तय करने का ड्राफ्ट नोटिफिकेशन जारी
IRDAI ने हेल्थ इंश्योरेंस और जनरल इंश्योरेंस कंपनियों के खर्चों की लिमिट तय करने का ड्राफ्ट नोटिफिकेशन जारी किया थी. इंश्योरेंस कंपनियों के द्वारा लिए गए प्रीमियम के 30% से ज्यादा कुल खर्च नहीं होना चाहिए. एक्सपेंस ऑफ मैनेजमेंट में सैलरी, फिक्स खर्च और पॉलिसी बिक्री का कमीशन शामिल होता है. तय लिमिट से 10 परसेंट ज्यादा खर्च करने और सॉल्वेंसी तय मानक पर नहीं होने पर कंपनी के टॉप मैनेजमेंट के अधिकारियों को मिलने वाले परफॉर्मेंस भत्ते आदि पर रेगुलेटर रोक लगा सकता है.