Mutual Funds: शेयर बाजार में तेजी हो या मंदी, म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री में बीते कुछ साल में ताबड़तोड़ पैसा आ रहा है. इनमें रिटेल निवेशकों की भागीदारी तेजी से बढ़ रही है. SIP के जरिए म्यूचुअल फंड्स में आ रहे निवेश से यह पता चलता है कि छोटी-छोटी सेविंग्स कैसे बाजार के इस डायवर्सिफाइल ऑप्शन में आ रही है. जुलाई में SIP के जरिए रिकॉर्ड 23,000 करोड़ रुपये से ज्यादा का इनफ्लो आया. यहां एक सवाल है कि निवेश अपना पैसा म्यूचुअल फंड्स में लगाते हैं, लेकिन फंड हाउस से पैसा कहां-कहां निवेश करते हैं. आइए जानते हैं ये सीक्रेट...
4 एसेट क्लास में होता है निवेश
म्यूचुअल फंड हाउस किसी भी स्कीम में आए निवेश को आमतौर पर 4 ऑप्शन में लगाते हैं. इनमें इक्विटी, बॉन्ड, मनी मार्केट और कमोडिटीज हैं. म्यूचुअल फंड की अलग-अलग कैटेगरी के मुताबिक इन चारों ऑप्शन में निवेश की रकम का अनुपात तय होता है. जैसकि इक्विटी म्यूचुअलफंड की कैटेगरी में मिनिमम 65 फीसदी निवेश इक्विटी में होता है. वहीं, डेट कैटेगरी में डेट ऑप्शन का निवेश 65 फीसदी होना चाहिए और मैक्सिमम इक्विटी निवेश 35 फीसदी होता है. यह फंड की रिस्क कैटेगरी के अनुसार तय होता है.
क्या है एक्सपर्ट की सलाह
बीपीएन फिनकैप के डायरेक्टर एके निगम का कहना है, आमतौर पर निवेशकों के बीच यह धारणा है कि म्यूचुअल फंड हाउस इक्विटी में निवेश करते हैं लेकिन असल में ये अलग-अलग एसेट क्लास में पैसा लगाते हैं. निवेशक अपने लक्ष्य और जोखिम उठाने की क्षमता के आधार पर अलग-अलग एसेट क्लास के आधार पर फंड चुन सकता है. म्यूचुअल फंड में यह एक एडवांटेज है.
जुलाई में किस कैटेगरी में कितना निवेश
एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) के आंकड़ों के मुताबिक, पिछले महीने इक्विटी म्यूचुअल फंड्स में कुल 37,113 करोड़ और डेट म्यूचुअल फंड्स 1.19 लाख करोड़ रुपये का निवेश हुआ. जबकि हाइब्रिड कैटेटरी में 17,436 करोड़ रुपये का निवेश आया. वहीं, जुलाई में SIP के जरिए 23,332 करोड़ रुपये का रिकॉर्ड इनफ्लो हुआ.
(डिस्क्लेमर: म्यूचुअल फंड में निवेश बाजार के जोखिमों के अधीन है. यहां किसी तरह निवेश की सलाह नहीं है. निवेश संबंधी फैसला करने से पहले अपने एडवाइजर से परामर्श कर लें.)
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