Mutual Fund में जोखिम से बचना चाहते हैं! ब्रोकरेज ने इन फंड्स के साथ बनाया मॉडल पोर्टफोलियो, देखें कहां-कितना एलोकेशन
Mutual Funds Portfolio for Conservative Investors: म्यूचुअल फंड्स में कुछ ऐसे भी निवेशक हैं, जो जोखिम उठाने से बचना चाहते हैं. आमतौर ये कन्जर्वेटिव इन्वेस्टर होते हैं. कन्जर्वेटिव निवेशकों के पोर्टफोलियो में आमतौर पर ऐसे फंड्स होते हैं, जिसमें मार्केट के नुकसान न उठाना पड़े.
Mutual Funds Portfolio for Conservative Investors: म्यूचुअल फंड्स में कुछ ऐसे भी निवेशक हैं, जो जोखिम उठाने से बचना चाहते हैं. आमतौर ये कन्जर्वेटिव इन्वेस्टर होते हैं. कन्जर्वेटिव निवेशकों के पोर्टफोलियो में आमतौर पर ऐसे फंड्स होते हैं, जिसमें मार्केट के नुकसान न उठाना पड़े. कन्जर्वेटिव निवेशक नुकसान उठाना पसंद नहीं करते हैं. बाजार से जुड़े इन्वेस्टमेंट इन्स्ट्रूमेंट्स में सबसे सटीम फार्मूला यही है कि हमेशा अपने रिस्क उठाने की क्षमता के आधार पर भी निवेश का ऑप्शन चुने. ब्रोकेरज हाउस शेयरखान (Sharekhan) ने म्यूचुअल फंड पोर्टफोलियो के लिए इन्वेस्टमेंट स्ट्रैटजी जारी की है. इसमें ब्रोकरेज ने कन्जर्वेटिव इन्वेस्टर की कैटेगरी के आधार पर म्यूचुअल फंड मॉडल पोर्टफोलियो बनाए हैं. जिसमें फंड्स के साथ-साथ किस कैटेगरी में कहां कितना एक्सपोजर लेना है, इसकी डीटेल दी है. इस रिपोर्ट के हवाले से शेयरखान के कन्जर्वेटिव इन्वेस्टर के लिए म्यूचुअल फंड्स के मॉडल पोर्टफोलियो को समझते हैं.
कन्जर्वेटिव पोर्टफोलियो के फंड्स
ब्रोकरेज की रिपेार्ट के मुताबिक, कन्जर्वेटिव पोर्टफोलियो में कॉरपोरेट बॉन्ड, लो एंड शॉर्ट ड्यूरेशन फंड और डायनेमिक एसेट एलोकेशन होता है. इसमें कॉरपोरेट बॉन्ड में कुल अमाउंट का 40 फीसदी, लो एंड शॉर्ट ड्यूरेशन में 40 फीसदी और डायनेमिक एसेट एलोकेशन 20 फीसदी करना होता है. इस मॉडल पोर्टफोलियो में निवेश का मिनिमम होरिजॉन 3 साल है. साथ ही इसमें हर 12 महीने पर पोर्टफोलियो की समीक्षा करनी है.
कन्जर्वेटिव निवेशकों से मतलब है कि वे बाजार का रिस्क उठाने नहीं चाहते हैं. अगर रिटर्न योजना के मुताबिक नहीं आता है, तो उन्हें ये आर्थिक रूप से असहज करता है. ऐसे निवेशकों का मकसद लंबी अवधि में फिक्स्ड डिपॉजिट के मुकाबले ज्यादा रिटर्न हासिल करना है.
Mutual Fund Conservative Portfolio
(source: Sharekhan)
डेट फंड्स से 13815 करोड़ का आउटफ्लो
एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) के आंकड़ों के मुताबिक, फरवरी 2023 में इक्विटी फंड्स में इनफ्लो में 25 फीसदी (MoM) का बंपर उछाल आया. इक्विटी म्यूचुअल फंड्स में कुल 15685.6 करोड़ का निवेश आया. यह मई 2022 के बाद का टॉप लेवल है. बीते 24 महीने से इक्विटी फंड्स में लगातार नेट आधार पर इन्फ्लो आ रहा है. वहीं, फरवरी में SIP के जरिए 13686.3 करोड़ निवेशकों ने बाजार में लगाए. जनवरी में यह 13856.2 करोड़ रहा था.
AMFI के आंकड़ों के मुताबिक, इनकम/डेट म्यूचुअल फंड्स की बात करें, तो इस साल फरवरी में 13,815 करोड़ का आउटफ्लो देखने को मिला. बयाज दरों में लगातार बढ़ोतरी के बावजूद डेट कैटेगरी में लगातार तीसरे महीने आउटफ्लो रहा. ऐसा माना जा रहा है कि ब्याज दरों में बढ़ोतरी का सिलसिला जल्द रुकने वाला है.
(डिस्क्लेमर: म्यूचुअल फंड में निवेश बाजार के जोखिमों के अधीन है. निवेश संबंधी फैसला ने से पहले अपने एडवाइजर से परामर्श कर लें.)
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