मार्च के आखिरी हफ्ते में Debt Mutual Funds में हुआ भर-भर कर निवेश, जानिए टॉप-5 डेट फंड्स कौन से हैं
Debt Mutual Funds को लेकर 1 अप्रैल से नियम बदल गया है. मार्च के आखिरी हफ्ते में डेट फंड्स के सभी कैटिगरी में भर-भर कर इन्फ्लो दर्ज किया गया. सबसे ज्यादा इन्फ्लो टारगेट मैच्योरिटी फंड्स में आया. आदित्य बिड़ला सनलाइफ कॉर्पोरेट बॉन्ड फंड में सबसे ज्यादा निवेश किया गया.
Debt Mutual Funds: 24 मार्च 2023 को डेट म्यूचुअल फंड्स के टैक्सेशन को लेकर नियम में बदलाव का ऐलान किया गया. फाइनेंस बिल 2023 में डेट फंड्स को लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स बेनिफिट के दायरे से बाहर कर दिया गया. अगर किसी डेट फंड्स में 35 फीसदी या उससे कम इक्विटी में निवेश किया गया है तो उसे इंडेक्सेशन का लाभ नहीं मिलेगा. इसके कारण किसी तरह का कैपिटल गेन STCG के दायरे में आ गया. हालांकि, यह नियम 1 अप्रैल 2023 से लागू हुआ है. म्यूचुअल फंड निवेशकों ने इस डेडलाइन का भरपूर फायदा उठाया. मार्च के आखिरी हफ्ते में डेट फंड्स में भर-भर कर इन्फ्लो आया.
टार्गेट मैच्योरिटी फंड्स में सबसे ज्यादा निवेश
वैल्यु रिसर्च की रिपोर्ट के मुताबिक, मार्च के आखिरी हफ्ते यानी 27-31 मार्च के बीच टार्गेट मैच्योरिटी फंड्स में सबसे ज्यादा 13361 करोड़ का इन्फ्लो दर्ज किया गया. कॉर्पोरेट बॉन्ड्स में इस दौरान 9526 करोड़, बैंकिंग एंड PSU में 3347 करोड़ रुपए, डायनामिक बॉन्ड्स में 2866 करोड़ रुपए और Gilt फंड्स में 2608 करोड़ का इन्फ्लो आया.
इन्फ्लो के आधार पर टॉप-5 डेट फंड्स
टॉप-5 डेट फंड्स की बात करें जिसमें सबसे ज्यादा इन्फ्लो आया तो आदित्य बिड़ला सनलाइफ कॉर्पोरेट बॉन्ड में 27-31 मार्च के बीच 3098 करोड़ रुपए, ICIC प्रूडेंशियल ऑल सीजन डायनामिक बॉन्ड में 1911 करोड़ रुपए, HDFC कॉर्पोरेट बॉन्ड में 1908 करोड़, ICIC प्रूडेंशियल कॉर्पोरेट बॉन्ड में 1888 करोड़ रुपए और SBI मैग्नम गिल्ड फंड में 1169 करोड़ रुपए का इन्फ्लो दर्ज किया गया.
1 अप्रैल से क्या बदला नियम
1 अप्रैल से डेट म्यूचुअल फंड्स के लिए नियम में बदलाव हुआ है. अब डेट फंड्स पर किसी तरह का लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स बेनिफिट नहीं मिलेगा. इंडेक्सेशन का लाभ नहीं मिलेगा. किसी तरह का कैपिटल गेन शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन के अंतर्गत आएगा. कैपिटल गेन आपकी टोटल इनकम में शामिल हो जाएगी और जिस टैक्स ब्रैकेट में आते हैं, उस हिसाब से टैक्स कटेगा. यह नियम केवल उस डेट फंड्स पर लागू होगा जिसका इक्विटी एक्सपोजर 35 फीसदी से कम होगा.
(डिस्क्लेमर: म्यूचुअल फंड निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है. इसमें पिछले प्रदर्शन को भविष्य में मिलने वाले रिटर्न का पैमाना नहीं माना जा सकता है. यहां निवेश की सलाह नहीं दी गई है. निवेश संबंधी फैसला करने से पहले अपने एडवाइजर से परामर्श कर लें.)
Zee Business Hindi Live TV यहां देखें