Debt Funds निवेशकों को बड़ा झटका, 1 अप्रैल से बदल गए टैक्स संबंधी ये 3 नियम; बदले नियम का जानें A to Z
Debt Mutual Funds: फाइनेंस बिल 2023 में डेट म्यूचुअल फंड्स के टैक्सेशन को लेकर नियम में बदलाव किया गया है. डेट फंड्स पर मिलने वाले लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स का नियम हटा दिया है. अब इस पर टैक्स ब्रैकेट के हिसाब से टैक्स जमा करना होगा.
Debt Mutual Funds: फाइनेंस बिल 2023 में डेट म्यूचु्अल फंड्स निवेशकों को बड़ा झटका दिया गया है. लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन (LTCG) पर टैक्स में मिल रही छूट को हटा दिया गया है. मतलब, लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन भी अब टोटल इनकम में शामिल हो जाएगी और जिस टैक्स ब्रैकेट में आते हैं, उस हिसाब से टैक्स लगेगा. इंडेक्सेशन यानी महंगाई को एडजस्टमेंट करने वाला लाभ नहीं मिलेगा. शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन की बात करें तो यह टोटल इनकम में शामिल होगी और निवेशक जिस टैक्स स्लैब में आता है, उस हिसाब से टैक्स भरना होगा. इस आर्टिकल में जानते हैं कि सरकार ने म्यूचु्अल फंड्स टैक्सेशन को लेकर नियम में क्या बदलाव किया है. इसका बदलाव का क्या मकसद है और रीटेल निवेशकों पर इसका कितना असर होगा. जानकारी के लिए बता दें कि फाइनेंस बिल 2023 को आज सदन में पेश किया जाएगा. सदन से पास होते ही यह कानून का रूप ले लेगा. नए नियम 1 अप्रैल 2023 से लागू होंगे.
इक्विटी में अधिकतम 35% तक निवेश वाले डेट फंड्स पर होगा असर
बदले हुए नियम केवल वैसे डेट म्यूचुअल फंड्स पर लागू होंगे, जिसमें इक्विटी निवेश अधिकतम 35 फीसदी हो या इससे कम हो. ऐसे फंड्स पर यह नियम लागू होगा. अगर किसी डेट फंड में 40 फीसदी इक्विटी में निवेश होगा तो उसपर यह नियम लागू नहीं होगा. डेट फंड्स को LTCG के दायरे से पूरी तरह बाहर लाने की कोशिश की गई है. शॉर्ट टर्म गेन पर टैक्स संबंधी नियम में किसी तरह का बदलाव नहीं किया गया है.
डेट फंड्स पर अभी कैसे टैक्स लगता है?
डेट म्यूचुअल फंड्स के लिए 3 साल की अवधि महत्वपूर्ण है. उससे पहले रिडीम करने पर अभी यह शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन कहलाता है. यह आपकी टोटल इनकम में जुड़ जाएगी. जिस टैक्स ब्रैकेट में आते हैं, उस हिसाब से टैक्स जमा करना होता है. 3 साल के बाद रिडीम कराने पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन का नियम लागू होता है. अगर इंडेक्सेशन का लाभ उठाते हैं तो 20 फीसदी की दर से कैपिटल गेन पर टैक्स (LTCG) जमा करना होगा. अगर इंडेक्सेशन का लाभ नहीं उठाते हैं तो 10 फीसदी की दर से LTCG टैक्स लगता है.
ETF पर भी होगा नए नियम का असर
म्यूचुअल फंड एसोसिएशन AMFI के चेयरमैन ए बालासुब्रमण्यम ने कहा कि बदले नियम का असर डेट फंड्स के अलावा इंडेक्स फंड, गोल्ड फंड, भात बॉन्ड ईटीएफ और इंटरनेशनल फंड्स पर भी होगा.
1 अप्रैल 2023 से होने वाले निवेश पर होगा असर
SBI म्यूचुअ फंड के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर डीपी सिंह ने जी बिजनेस से खास बातचीत में कहा कि इसका असर केवल वैसे निवेशकों पर होगा जो 1 अप्रैल 2023 से या उसके बाद नए सिरे से निवेश करेंगे. 31 मार्च 2023 तक अगर कोई निवेशक डेट फंड्स में निवेश करता है और तीन साल बाद रिडीम करेगा तो उसके LTCG टैक्स का लाभ मिलेगा.
डेट फंड्स का टोटल AUM 7.8 लाख करोड़
डेट फंड्स के आकार की बात करें तो मौजूदा MF का AUM 40.7 लाख करोड़ रुपए का है. इसमें DEBT MF का हिस्सा 19.2% है. फरवरी 2023 तक DEBT म्यूचुअल फंड्स में कुल 7.8 लाख करोड़ का निवेश है.